घूस का मैन्यूकार्ड* : घूस है तो सब मुमकिन है!
रिश्वत में अस्मत मांगने से भी नहीं चूक रहे घूसखोर
जयपुर। प्रदेश में घूसखोरी का आलम ये है, मानो इसका मैन्युकार्ड तैयार है। हालांकि कई बार माथा देखकर भी तिलक निकाला जाता है। राज्य एसीबी हर साल घूस संबंधी 1000 से अधिक मामले दर्ज करता है। ब्यूरो के दस्तावेजों के पर भरोसा करें तो घूसखोर दस रुपए से लेकर 20 करोड़ रुपए तक मांगते हैं। हालात इतने बदतर हैं कि सिलकोसिस से मजदूर की मौत हो है तो चूल्हा जलाने को तरसते परिवार तक को तीन लाख का मुआवजा सरकार से तब मिलता है जब वह 50 हजार की घूस देने को तैयार हो। पुलिस के एक अधिकारी तो ने महिला को न्याय दिलाने के बदले अस्मत तक मांग ली।
एसीबी के डीजी बीएल सोनी बताते हैं, उन्होंने ब्यूरो में काम करते हुए पाया है कि घूस का रेट जगह, पद और हालात के अनुसार अलग-अलग रहता है। जैसे जयपुर में एक पटवारी 50 हजार मांगता है तो जालौर में 10 हजार। पद की बात करें तो सिपाही 10 हजार तक मांगता है तो एसएचओ 50 हजार। तहसीलदार किसी काम के 2 लाख मांगता है तो एसडीएम पांच से दस लाख। हालांकि हमारी कार्रवाइयों का खौफ बहुत है।
आइए जानें कैसा है ये मैन्यूकार्ड
पुलिस
दहेज मामले को रफा-दफा करना- 2 लाख तक
मारपीट 10-20 हजार
वाहन छोड़ने 10-15 हजार
एससी-एसटी मुकदमे में एफआर -एक लाख तक
शराब तस्करी का केस नहीं बनाना-30 हजार तक
दहेज मामले को रफा-दफा करना- 2 लाख तक
मारपीट 10-20 हजार
वाहन छोड़ने 10-15 हजार
एससी-एसटी मुकदमे में एफआर -एक लाख तक
शराब तस्करी का केस नहीं बनाना-30 हजार तक
राजस्व
नामांतरण खोलना- 20 हजार तक
भूमि रहनमुक्त प्रमाण पत्र-5 हजार
मांइस लीज मौका रिपोर्ट -एक लाख
इंतकाल तस्दीक - चार हजार
औद्योगिक भूखंड लीज डीड- आठ हजार
खान
खनन और परिवहन की डीपी -20 हजार तक
सिलिकोसिस मृत्यु मुआवजा- 50 हजार
खान के दस्तावेज देने-5 हजार
अवैध बजरी निकासी-एक हजार
अवैध खनन-एक लाख
पीडब्ल्यूडी
बकाया बिल -डेढ़ लाख रुपए तक
अनुबंधित वाहन के बिल पास -50 हजार
कंस्ट्रक्शन वर्क रिपोर्ट -एक लाख
टेंडर शर्तों में शिथिलता तीन लाख
टेंडर समय 1 लाख रुपए
विद्युत
कटे कनेक्शन जोड़ने 1 लाख
कनेक्शन डिमाण्ड नोटिस 30 हजार
मीटर खराब बताकर 11 हजार
नया ट्रांसफामर 12 हजार
वीसीआर 11 हजार
एसीबी की सख्ती तो घूस की दरों में उछाल
आधिकारिक सूत्र बताते हैं, इन दिनों एसीबी के छापे बढ़ गए हैं तो घूस की दरें भी उछाल खा रही हैं।
परिवहन
चैक पोस्ट कार्मिक एंट्री डेढ़ लाख
बाइक रेंटल सर्विस प्रमाण-पत्र 15 हजार
बिना परमिट-टैक्स वाहन संचालन 10 हजार
ओवरलोड वाहन-पांच हजार
नगर निगम
भवन निर्माण मंजूरी 60 हजार
मकान निर्माण मंजूरी 20 हजार
बकाया बिल क्लियर करने एक लाख
पेंशन कागज 20 हजार
वृद्धजनों की पेंशन 20
हजार रुपए
शिक्षा
परीक्षा का आवेदन फॉर्म जमा -30 हजार
आरएएस साक्षात्कार -20 लाख
बीएड पै्रक्टिकल एवं हाजरी- पांच हजार
शिक्षक तबादले -तीन लाख
स्कूल-कॉलेज मान्यता -पांच लाख
रसद
राशन दुकान-10 हजार रुपए
मिठाई दुकान सैंपल-20 हजार
गैस एजेंसी तय मानकों से नहीं चलाने-20 हजार
मिलावटखोरों को बचाने-1 लाख
राशन डीलरों-30 हजार
मनरेगा
निरीक्षण में कमियां नहीं निकालने -1 लाख
श्रमिकों की मजदूरी कमीशन-15 हजार
काम दिलाना -2 हजार
मजदूरों की फर्जी एंट्री -2 हजार
बकाया बिल -10 हजार
चिकित्सा
ऑपरेशन -5 हजार
कोरोना वॉरियर मृत्यु मुआवजा 5 हजार
भ्रूण लिंग परीक्षण -30 हजार
आबकारी
शराब दुकान चलाने-20 हजार
अवैध दुकान चलाने-मासिक बंधी
देर रात दुकान खोलने-मासिक बंधी
दुकान में बैठाकर शराब पिलाना- मासिक बंधी
बार लाइसेंस जारी -पांच लाख
ये महकमे हैं घूस में अव्वल
सूत्र बताते हैं, घूसखोरी में रेवेन्यू अव्वल है, लेकिन घूसखोरी में पकड़े जाते हैं सबसे अधिक पुलिस वाले। इसके बाद नंबर आता है यूडीएच का। पंचायती राज और मेडिकल हेल्थ भी घूस में टॉप फाइव में हैं।

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