रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल जारी : मरीजों पर बुरा असर, ओपीडी से लेकर ऑपरेशन तक प्रभावित
कुछ मांगों पर नहीं बनी सहमति रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल जारी
जयपुर। नीट पीजी काउंसलिंग में देरी सहित अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर रेजीडेंट डॉक्टर्स का कड़ा रुख जारी है। हालांकि राज्य सरकार के स्तर पर मंगलवार शाम को वार्ता दूसरे दौर की वार्ता रेजीडेंट डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों के साथ की गई जिसमें लगभग सभी मांगों पर सहमति बन गई थी लेकिन वित्तीय मांगों और एसआरशिप के मुद्दे पर लिखित समझौता नहीं हो पाया। ऐसे में रेजीडेंट्स ने फिलहाल हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है। वहीं रेजीडेंट्स ने अब जयपुर सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में सभी तरह की सेवाओं का बहिष्कार शुरू कर दिया है। इससे पहले रेजीडेंट्स ने इमरजेंसी सेवाओं को कार्य बहिष्कार से मुक्त रखा था। जयपुर एसोसिएशन आॅफ रेजीडेंट डॉक्टर जार्ड के अध्यक्ष डॉ. अमित यादव ने बताया कि वार्ता में सभी आठ मांगों पर चर्चा हुई, लेकिन वित्त और एसआर के मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई और इसलिए कार्य बहिष्कार सभी मांगों के माने जाने तक जारी रहेगा।
मरीजों की बढ़ती जा रही परेशानी
पिछले नौ दिनों से लगातार हड़ताल के कारण मरीज परेशान हो रहे हैं। वहीं अब मरीजों की परेशानी और बढ़ गई है। इमरजेंसी सेवाएं भी बाधित होने से गंभीर मरीजों को भी एसएमएस सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में इलाज मिलने में परेशानी हो रही है वहीं रेजीडेंट्स के कार्य बहिष्कार से एसएमएस अस्पताल की ओपीडी सेवाओं का हाल बेहाल है। मुट्ठी भर सीनियर डॉक्टर्स के भरोसे मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऑपरेशन लगातार टाले जा रहे हैं। अब लेबर रूम और आईसीयू में भी कार्य बहिष्कार से गंभीर मरीजों की जान पर भी संकट पैदा हो गया है। ऐसे में राज्य सरकार को भी रेजीडेंट्स के साथ वार्ता कर समस्या का हल निकालना होगा नहीं तो मौसमी बीमारियों और कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच मरीजों की जान पर बनी रहेगी।
समझौता पत्र बन गया था, लेकिन रेजीडेंट चले गए
जानकारी के अनुसार वार्ता के दौरान रेजीडेटों ने समझौतें पर हामी भर दी थी। अधिकारियों ने बताया कि समझौता पत्र भी तैयार हो गया था, लेकिन रेजीडेंट डॉक्टर्स बाहर आए और बिना समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए चले गए और हड़ताल जारी रखने की घोषणा कर दी।
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