लॉकडाउन के बाद फिर से शुरू होंगे नरेगा के काम, इस बार कुछ नियम बदले, मस्टरोल अब साप्ताहिक बनेगा
प्रदेश में लॉकडाउन के कारण बंद पड़े नरेगा योजना के काम लॉकडाउन खुलने के बाद जल्द ही शुरू किए जाएंगे। इस बार शुरू होने वाले कामों में जरूरत के हिसाब से नियमों में कुछ बदलाव किया गया है। नरेगा योजना के संबंध में नरेगा आयुक्त अभिषेक भगोतिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी जिलों को निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों की सभी विकास अधिकारी पालना कराएंगे।
जयपुर। प्रदेश में लॉकडाउन के कारण बंद पड़े नरेगा योजना के काम लॉकडाउन खुलने के बाद जल्द ही शुरू किए जाएंगे। इस बार शुरू होने वाले कामों में जरूरत के हिसाब से नियमों में कुछ बदलाव किया गया है। नरेगा योजना के संबंध में नरेगा आयुक्त अभिषेक भगोतिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी जिलों को निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों की सभी विकास अधिकारी पालना कराएंगे। मुख्यतः जिलों को यह कहा गया है कि नरेगा कार्यों को लॉकड़ाउन अवधि के बाद फिर से शुरू करना है। इससे पहले की अवधि में निर्देशों के अनुरूप योजना बनाकर अवश्यकतानुसार नवीन कार्यों की स्वीकृति जारी करवाने की कार्यवाही की जाएगी।
अब साप्ताहिक मस्टरोल जारी होगा
कोविड के हालातों को देखकर इस बार मस्टरोल प्रक्रिया में भी बदलाव नजर आएगा। पाक्षिक मस्टर रोल की बजाय अब साप्ताहिक मस्टर रोल जारी किए जाएंगे, जिसमें श्रमिकों का नियोजन एक-एक सप्ताह के लिए होगा। इस दौरान काम के लिए प्राप्त आवेदन के 50 प्रतिशत एक सप्ताह में और बाकी 50 प्रतिशत दूसरे सप्ताह में नियोजित करने होंगे। साप्ताहिक माप एवं भुगतान के संबंध में यदि स्टाफ कम है, तो मेट, बीएफटी, एलडीसी, जीआरएस या वीडीओ को राजस्व गांव का आवंटन कर माप के लिए अधिकृत किया जाएगा और एमआर की 7 दिन की अवधि पूरी होने पर एमआर के साथ इस लेबर द्वारा किए कार्य को प्रमाणित मेट व पंचायत कार्मिक के द्वारा माप कर एमआर के साथ संलग्न कर अग्रिम कार्यवाही के लिए भिजवाया जाएगा।
सामुदायिक कार्यो में 30 लोग ही काम करेंगे
नए निर्देशों के हिसाब से नए सामुदायिक कार्यों के चयन की गति बढ़ानी है, ताकि समय पर नए काम लिए जा सकें। इन कार्यों की संख्या इतनी अधिक हो कि जिले में अब तक नियोजित श्रमिकों की संख्या की तुलना में अधिक श्रमिक ही नियोजित किए जा सकें। व्यक्तिगत श्रेणी के कार्यों को अधिकतम संभावित संख्या में लिया जाना है और इसमें भी यह सुनिश्चित किया जाना है कि अधिकाधिक श्रमिक उसी अथवा एक ही परिवार के नियोजित हों और उनमें अधिकतम 10 श्रमिक ही एक साथ नियोजित हों। वर्तमान हालातों को देखते हुए प्रत्येक सामुदायिक प्रकृति के कार्य पर 30 श्रमिक तक ही नियोजित कर सकेंगे। जरूरत पड़ने पर अधिकतम 50 श्रमिक तक लगा सकेंगे, लेकिन 50 श्रमिक के लिए जिला कलेक्टर की लिखित में अनुमति लेनी होगी।
इन कार्यों को देनी होगी प्राथमिकता
इस अवधि में हर पंचायत में नरेगा कार्यों की मंजूरी के लिए संबंधित सभी कार्मिक या अभियंताओं को पाबंद किया जाएगा। अगर काम नही है तो सिक्योर के माध्यम से यथासंभव चार श्रेणी एनआरएम, चारागाह विकास, जलग्रहण विकास आदि से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता से स्वीकृति दी जाएगी।
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