माइक्रोसॉफ्ट और सोशल मीडिया पर सहायता का झांसा देकर शिकार को फंसाते : होटल में साइबर ठगी का कॉल सेंटर चला रहे तीन युवतियों समेत 13 लोग गिरफ्तार
10 युवकों को पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया
पुलिस उप अधीक्षक ग्रामीण हरी सिंह धायल ने बताया कि इस गिरोह लोग खुद को माइक्रोसॉफ्ट का अधिकृत कस्टमर केयर प्रतिनिधि बताते थे और अपनी लोकेशन अमेरिका के वॉशिंगटन की दिखाते थे।
झुंझुनूं। जिले के मंडावा कस्बे में एक होटल में साइबर ठगी के कॉल सेंटर चला रहे गिरफ्तार 13 लोगों को मंगलवार को झुंझुनूं स्थित सम्बन्धित न्यायालय में पेश किया, जहां से न्यायालय ने तीनों युवतियों को जेल भेज दिया। वहीं 10 युवकों को पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया। पुलिस ने सोमवार को मंडावा एक होटल में कॉल सेंटर चला रहे 13 लोगों गिरफ्तार किया था। यह गिरोह 15 दिन से मंडावा अपनी साइबर ठगी की गतिविधि कर रहा था। पुलिस को गुप्त सूचना मिल गई थी तथा पुलिस पिछले 10 -12 दिन से पीछे लगी हुई थी। पुलिस ने आकाश वीके निवासी दिल्ली, किस्मत गजनेर निवासी पश्चिम बंगाल, रमेश गुरूंग निवासी दिल्ली, आशीष ओझा निवासी पश्चिम बंगाल, अमित पोल निवासी मणिपुर, कुशाल थापा निवासी मेघालय, मौसे चिंगरा निवासी दिल्ली, पैट्रिक जोनुसंगा निवासी मिजोरम, के जुबलिया निवासी मणिपुर, अप्सरा प्रधान निवासी मणिपुर, चिइजोतेउ लेचु निवासी नगालैंड, जंगमिनखय डोंगल निवासी दिल्ली और मोनू कुमार निवासी उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया था।
पुलिस उप अधीक्षक ग्रामीण हरी सिंह धायल ने बताया कि इस गिरोह लोग खुद को माइक्रोसॉफ्ट का अधिकृत कस्टमर केयर प्रतिनिधि बताते थे और अपनी लोकेशन अमेरिका के वॉशिंगटन की दिखाते थे। वे पीड़ित को तकनीकी सहायता देने के बहाने एक विशेष सॉफ्टवेयर डाउनलोड करवाते, जिससे उन्हें पीड़ित के कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस मिल जाता। इसके बाद वे सिस्टम को हैंग कर पीड़ितों की निजी जानकारी जैसे बैंक डिटेल्स, पासवर्ड्स चुरा लेते।
निशाना अमेरिकी नागरिक
पुलिस के अनुसार, इस गिरोह का मुख्य निशाना अमेरिकी नागरिक थे। ऐसे लोग जो तकनीकी जानकारी में कमजोर होते हैं या जिन्हें लैपटॉप/कंप्यूटर संचालन में दिक्कत आती है। माइक्रोसॉफ्ट कस्टमर सपोर्ट के नाम पर ये लोग सोशल मीडिया या गूगल के जरिये इस गिरोह से संपर्क करते थे। एक बार संपर्क स्थापित होने के बाद यह गिरोह पीड़ितों को धीरे-धीरे अपने शिकंजे में ले लेता था।
Comment List