अभियान में 32,291 अवैध कनेक्शन चिह्नित : पानी चोरी में अजमेर टॉप, 26 हजार कनेक्शन काटे
कनेक्शनों विच्छेदन एवं 2217 का नियमितीकरण किया
अवैध कनेक्शनों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान शुरू किया गया, जिसके तहत 17 जून 2025 तक 32,291 अवैध जल कनेक्शनों की पहचान हुई।
जयपुर। पानी की छीजत और चोरी दोनों ही जलदाय विभाग के बजाय पेयजल उपभोक्ताओं पर भारी पड़ती है। अर्थात समय पर बिल चुकाने वाले उपभोक्ता आए दिन पानी की शिकायतें करते रहते है, लेकिन महकमे के कारिंदों की मेहरबानी वालों को बेरोकटोक पानी मिलता रहता है। विभाग खानापूर्ति के लिए हर बार अवैध कनेक्शनों के खिलाफ अभियान चलाता है, उनके कनेक्शन भी काटे जाते है, लेकिन फिर से वहीं पुरानी व्यवस्था शुरू हो जाती है। इस बार भी विश्व जल दिवस (22 मार्च 2025) से अवैध कनेक्शनों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान शुरू किया गया, जिसके तहत 17 जून 2025 तक 32,291 अवैध जल कनेक्शनों की पहचान हुई। इनमें से 26,970 कनेक्शनों विच्छेदन एवं 2217 का नियमितीकरण किया गया।
पेनल्टी के तौर पर कुल 117.07 लाख रुपए का राजस्व वसूला गया और 75 एफआईआर दर्ज कराई गईं, इसमें सबसे बड़ी खासियत ये रही की पानी की चोरी में अजमेर जिला टॉप पर सामने आया, जिसमें सर्वाधिक 6253 अवैध कनेक्शन चिह्नित किए गए, जिनमें महज 190 को ही नियमित किया जा सका। जबकि सबसे कम अवैध कनेक्शन में बांसवाड़ा जिला रहा, जहां 265 अवैध कनेक्शन चिह्नित किए गए। ये जानकारी विभाग की उच्चस्तरीय रिव्यू मीटिंग के बाद जारी किए गए मिनिट्स के अनुसार है।
पिछले साल के अभियान के हाल
विभाग ने अवैध जल कनेक्शनों के खिलाफ 5 अक्टूबर 2024 से शुरू किए गए अभियान के तहत 21 मार्च 2025 तक कुल 70,392 अवैध जल कनेक्शनों की पहचान की गई। इनमें से 63,574 का विच्छेदन किया गया और 3239 कनेक्शनों को नियमित कर दिया गया। इस प्रक्रिया में विभाग ने 90.60 लाख रुपए का राजस्व अर्जित किया और 33 एफआईआर दर्ज कराई।
अन्य राज्यों से तुलना
उत्तर प्रदेश: जल आपूर्ति विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष में अवैध जल कनेक्शनों के खिलाफ कार्रवाई में लगभग 40,000 कनेक्शनों को चिन्हित किया। हालांकि विभाग ने केवल 50 फीसदी कनेक्शनों को ही नियमित कर सका।
महाराष्ट्र: अभियान में लगभग 55,000 अवैध जल कनेक्शनों की पहचान की, जिसमें नियमितीकरण की दर 70 फीसदी रही। हालांकि वहां एफआईआर दर्ज करने की संख्या राजस्थान की तुलना में कम रही।
कर्नाटक: हाल ही में अभियान के तहत 25,000 अवैध कनेक्शनों को चिन्हित किया और 60% को नियमित किया। इस दौरान 30 लाख का राजस्व अर्जित किया गया।
अधिकारियों के लिए ये निर्देश
जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने अवैध कनेक्शनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विभिन्न जिलों के दौरे के दौरान विभागीय रिव्यू में चौधरी ने दोहराया कि पेयजल की उपलब्धता सीमित है और इसका उपयोग केवल घरेलू कार्यों तक ही सीमित रहना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति पेयजल का कृषि या व्यावसायिक उदेश्यों के लिए करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई जाए।

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