नीट यूजी 2025 और पेरा मेडिकल परीक्षा में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश : गिरोह के 5 सदस्य गिरफ्तार
एटीएस और एसओजी से मिली थी सूचना
इसी क्रम में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम आलोक सिंघल के सुपरविजन और एसीपी आलोक गौतम के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई।
जयपुर। पश्चिम जिले में नीट यूजी 2025 और आगामी पेरा मेडिकल परीक्षा 2025 के दौरान फर्जीवाड़ा कर अनुचित साधनों से परीक्षार्थियों को लाभ पहुंचाने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। इस मामले में पुलिस ने 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से ब्लूटूथ डिवाइस, नकद राशि, फर्जी दस्तावेज और एक स्कॉर्पियो कार जब्त की गई है।
एटीएस और एसओजी से मिली थी सूचना
डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि यह कार्रवाई पुलिस को एटीएस एसओजी से मिले इनपुट के आधार पर की गई। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा 4 मई 2025 को आयोजित नीट यूजी परीक्षा के लिए पुलिस महानिदेशक द्वारा परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने हेतु विशेष सतर्कता के निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम आलोक सिंघल के सुपरविजन और एसीपी आलोक गौतम के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई।
जगदम्बा नगर से मिला सुराग
करणी विहार थाना क्षेत्र के जगदम्बा नगर स्थित एबीडी प्रिस्टाइन बिल्डिंग के फ्लैट नंबर 402 में कुछ संदिग्ध युवक रह रहे हैं जो परीक्षा में फर्जीवाड़े की योजना बना रहे हैं। पुलिस ने दबिश देकर मौके से अजीत कुमार बराला, सोहन लाल चौधरी, जितेन्द्र शर्मा, संजय चौधरी और रोहित गोरा को हिरासत में लिया।
डमी कैंडिडेट बनाकर देते थे परीक्षा
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह डमी कैंडिडेट बनाकर परीक्षाओं में असली अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दिलवाने का काम करता था। आरोपियों ने बताया कि एआई टूल्स की मदद से डमी कैंडिडेट्स की तस्वीरों को असली अभ्यर्थियों की तस्वीरों से मिलाकर फॉर्म भरवाए जाते थे। इसके पीछे एक आरसीए छात्र विशाल रेवाड़ का नाम भी सामने आया है जो फर्जी एडमिट कार्ड और अन्य तकनीकी सहायता प्रदान करता था।
मौके से मिले महत्वपूर्ण सबूत
अभियुक्तों के पास से तीन ब्लूटूथ डिवाइस, दो ईयरबड्स, चार मोबाइल सिम, एक स्कॉर्पियो वाहन (RJ14 UJ 5965), एक सैमसंग S24 अल्ट्रा, एक आईफोन-7 और 50 हजार रुपये नकद बरामद किए गए हैं। यह रकम डमी कैंडिडेट जितेन्द्र शर्मा को एडवांस के तौर पर दी गई थी। साथ ही, फर्जी एडमिट कार्ड भी जब्त किए गए हैं।
आरोपी अजीत कुमार और सोहनलाल राष्ट्रीय आयुर्वेदिक संस्थान, जोरावर सिंह गेट, जयपुर से बीएएमएस कर पीजी की तैयारी कर रहे हैं। आरोपी जितेंद्र शर्मा बीएससी कर रहा था और वर्ष 2024 में उसका चयन एमबीबीएस के लिए कॉपर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कर्नाटक में हुआ। वर्तमान में वह वहीं प्रथम वर्ष का छात्र है। पुलिस जांच में सामने आया कि ये आरोपी डमी कैंडिडेट बनाकर परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा कर रहे थे। तकनीकी सहायता व एआई टूल की मदद से एडमिट कार्ड बनाए गए थे। पुलिस ने इनसे जुड़ा पूरा नेटवर्क खंगालना शुरू कर दिया है।
कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा संख्या 279/2025 भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 336(3), 340(2), सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2024 और राजस्थान परीक्षा अधिनियम 2022 के तहत करणी विहार थाने में दर्ज किया गया है। मामले में अन्य सहयोगियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
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