प्रदेश के 60 लाख स्कूली बच्चों को मिलेगा मिड डे मील में दूध
दूध वितरण योजना में एक से आठवीं तक के बच्चों को मिलेगा, शिक्षा विभाग ने तैयारी की पूरी
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जोबनेर के सरकारी स्कूल से इस योजना का आगाज किया था, जिसके तहत कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों को एक ग्लास दूध का वितरण मिड डे मिल के दौरान किया जाता था।
जयपुर। शिक्षा विभाग ने कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों को मिड डे मिल के साथ दूध वितरण योजना की सभी तैयारियां कर ली गई है। कक्षा 1 से 5वीं और कक्षा 6 से 8वीं तक के बच्चों के लिए दूध की क्वालिटी और क्वांटिटी का निर्धारण भी कर लिया है। बच्चों को कुपोषण से बचाने और बेहतर स्वास्थ्य के उद्देश्य से पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 2 जुलाई, 2018 को अन्नपूर्णा दूध योजना की शुरुआत की थी। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जोबनेर के सरकारी स्कूल से इस योजना का आगाज किया था, जिसके तहत कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों को एक ग्लास दूध का वितरण मिड डे मिल के दौरान किया जाता था। कोरोना के प्रकोप से पहले ही सरकार की ओर से इस योजना को बंद करते हुए पौष्टिक सीजनेबल फल, गुड़, चना की शुरुआत की, लेकिन कोरोना का प्रकोप कम होने के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से बच्चों को स्वास्थ्य तो ध्यान में रखते हुए और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए फिर से दूध वितरण योजना की शुरूआत करने का फैसला लिया।
476.44 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान किया : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साल 2022-23 की बजट घोषणा में मिड डे मिल योजना के तहत कक्षा 1 से 8वीं तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो दिन डिब्बे का गर्म दूध उपलब्ध करवाने के लिए 476.44 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान किया, जिसे मुख्यमंत्री ने मंजूरी दी है। दूध वितरण योजना के तहत कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को 15 ग्राम दूध के पाउडर को 150 मिलीलीटर गर्म पानी में मिला कर दिया जाएगा। साथ ही कक्षा 6 से 8वीं तक के बच्चों को 20 ग्राम दूध के पाउडर को 200 मिलीलीटर गर्म पानी में मिला कर दिया जाएगा।

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