आखातीज कल : उपनगरों में बड़ी संख्या में होंगे विवाह कार्य संपन्न
श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जाएगी
यह तिथि चार अबूझ मुहूर्तों में से एक है, जिसमें बिना मुहूर्त देखे विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।
जयपुर। अक्षय तृतीया (आखातीज) श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया पर राजधानी जयपुर और आस-पास के उपनगरों में बड़ी संख्या में विवाह समारोह होंगे। मान्यता है कि आखातीज पर होने वाले विवाह के लिए मुहूर्त या तिथि आदि देखने की आवश्यकता नहीं होती। यह अबूझ सावा होता है। दरअसल, वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा जाता है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग और रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है, जो इस पर्व को अत्यंत विशेष बना देता है। इस दिन स्नान, दान, जप और पूजा से जो पुण्य मिलता है, वह कभी नष्ट नहीं होता। अक्षय तृतीया के दिन जल का दान करना विशेष फ लदायी माना गया है। यह तिथि चार अबूझ मुहूर्तों में से एक है, जिसमें बिना मुहूर्त देखे विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। इस दिन सोना खरीदना भी अत्यंत शुभ माना गया है।
शुभ समय सुबह 5.41 बजे से दोपहर 2.12 बजे तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य डॉ.अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन गंगास्नान का विशेष महत्व है। यदि तीर्थ स्नान संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी तीर्थ स्नान का पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही अन्न और जल का दान करना अत्यंत पुण्यकारी होता है। विशेष रूप से घड़ी, पंखा, छाता, फ ल, वस्त्र, सत्तू और ककड़ी का दान अक्षय पुण्य प्रदान करता है। इस दिन विष्णु और लक्ष्मी जी की विशेष पूजा कर पीपल पर जल चढ़ाकर और जरूरतमंदों को अन्न,जल दान कर पुण्य अर्जित किया जा सकता है।

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