सावधान हो जाएं! लॉटरी के झांसे में न आएं, यह साइबर ठगों का नया पैंतरा : कोरियर से कूपन भेजकर लाखों ठग रहे अपराधी
कम्पनी की वेबसाइट पर जाकर इसकी सत्यता की जांच करें
कूपन स्क्रैच करने पर उसमें 10 से 15 लाख रुपए और एक चार-पहिया गाड़ी लॉटरी में मिलने का आकर्षक स्टिकर लगा होता है।
जयपुर। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने लॉटरी निकलने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी को लेकर आम जनता को आगाह किया है। एक नई एडवाइजरी जारी कर पुलिस ने साइबर अपराधियों के बदलते तरीकों और उनसे बचाव के उपाय बताए हैं। एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार ने बताया कि साइबर अपराधी कॉल कर बताते हैं आप किसी नामी-गिरामी कम्पनी की लॉटरी में चुने गए हैं। इसके बाद वे आपके पते पर भारतीय पोस्ट के जरिए एक लॉटरी का पत्र और स्क्रैच कूपन भेजते हैं। जब यह कोरियर मिल जाता है तो ठग दोबारा कॉल करते हैं और कूपन को स्क्रैच करने को कहते हैं।
कूपन स्क्रैच करने पर उसमें 10 से 15 लाख रुपए और एक चार-पहिया गाड़ी लॉटरी में मिलने का आकर्षक स्टिकर लगा होता है। इसके बाद अपराधी पीड़ित को लॉटरी पत्र में दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने को कहते हैं। जब पीड़ित इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करता है तो साइबर अपराधी उसे पूरी तरह से विश्वास में ले लेते हैं। इनाम की राशि दिलाने के बहाने वे विभिन्न टैक्सों, गाड़ी रास्ते में होने या पैसे वापस मिल जाने जैसे झूठे बहाने बनाते हुए पीड़ित से लगातार रुपए ऐंठते रहते हैं। उनका मकसद ज्यादा से ज्यादा पैसा ठगना होता है और वे बार-बार अधिक पैसे की मांग करते रहते हैं।
साइबर धोखाधड़ी से खुद को कैसे बचाएं
सबसे पहले यह तय करें कि आपने कोई लॉटरी टिकट खरीदा ही नहीं है तो आपकी लॉटरी कैसे निकल सकती है। लॉटरी के विजेताओं की घोषणा हमेशा सार्वजनिक रूप से और कम्पनियों की आधिकारिक वेबसाइट पर की जाती है। यदि आपको ऐसी कोई सूचना मिलती है तो बिना देर किए संबंधित कम्पनी की वेबसाइट पर जाकर इसकी सत्यता की जांच करें। यदि धोखाधड़ी के शिकार होते हैं या आपको ऐसा कोई संदिग्ध कॉल-कोरियर मिलता है तो इसकी सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें। आप साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या अपने निकटतम पुलिस स्टेशन-साइबर पुलिस स्टेशन में संपर्क करें।

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