बीट अधिकारी कब के बदले, दीवारों पर अब भी पुराने नम्बर
नामों को मिटाने की पूरी कोशिश की गई है
दीवार पर बीट अधिकारी के बारे में दी गई जानकारी में अधिकतर कांस्टेबलों के ट्रांसफर हो गए, बहुत सारे नाम-नंबर धुंधला गए।
जयपुर। पुलिस की कार्यक्षमता में वृद्धि के लिए पुलिस में बीट प्रणाली शुरू हुई थी, लेकिन राजधानी के ज्यादातर थाना इलाकों में बीट प्रणाली धुंधला गई है और भ्रमित कर रही है। दीवार पर बीट अधिकारी के बारे में दी गई जानकारी में अधिकतर कांस्टेबलों के ट्रांसफर हो गए, बहुत सारे नाम-नंबर धुंधला गए। कुछ जगह मोबाइल नम्बरों और नामों को मिटाने की पूरी कोशिश की गई है।
बीट प्रणाली कब आई अस्तित्व में
कार्यालय पुलिस महानिदेशक के आदेश परिपत्र क्रमांक 5010-5115 दिनांक 26.7.1988 में पहली बार बीट प्रणाली शुरू हुई थी। समय-समय पर संशोधन भी हुए। डीजी कार्यालय के पत्र 293-345 दिनांक 12.1.2000, दिनांक 29.1.2004 और पत्र 2019-1775-1865 दिनांक 24.1.2019 को निकले आदेश में बीट प्रणाली पर प्रकाश डाला गया है।
काफी अहम है बीट प्रणाली
एक निर्धारित क्षेत्र को बीट के रूप में आवंटित किया जाता है। बीट कांस्टेबल बीट के आस्था केन्द्रों, प्रमुख व्यक्तियों, अपराधियों, जाति-बिरादरी के प्रमुख लोगों की सूची तैयार करता है ताकि समय-समय पर उनका सार्थक उपयोग किया जा सके। प्रमुख स्थलों, स्थानों, भवनों, कार्यालयों, बाजारों और संस्थाओं का पूर्ण पता, टेलीफोन नम्बर, ई-मेल सहित अन्य जरूरी जानकारी बीट बुक में इंद्राज होनी चाहिए। क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की भी पूरी जानकारी संधारित करेगा। लेकिन अमूमन बीट कांस्टेबल बीट डायरी का भली प्रकार से संधारण नहीं हो पाता है।
पुलिस कमिश्नरेट में 71 थाने। थाने के भू-भाग और जनसंख्या के अनुसार बीट का निर्धारण
केस-1
दीवार पर अंकित है...बीट अधिकारी राजेश मीणा, सोड़ाला थाना, मोबाइल नम्बर 9166243429। जब फोन किया तो मीणा ने बताया कि मेरा ट्रांसफर हो गया है। अभी लाइन में हूं।
केस-2
बीट अधिकारी मुकेश सिंह, बीट अधिकारी सुशीला मोबाइल नम्बर, 9530424233 अंकित है। जबकि सुशीला का ट्रांसफर विधायकपुरी थाने में हो गया है।
केस-3 बीट अधिकारी बुलेन्द्र सिंह, प्रभारी श्रवण लाल थाना सिंधीकैम्प। इतना धुंधला गया है कि मोबाइल, थाने के लेंडलाइन नम्बर भी ठीक प्रकार से दिखाई नहीं पड़ रहे हैं।
केस-4 बीट अधिकारी सुरेश कुमार, मोबाइल नम्बर के दस अंकों में एक अंक गायब है। थाना जालुपूरा लिखा है, लेकिन जानकारी अधूरी है।
प्रथम कमिश्नर सोनी ने ‘बीट अधिकारी’ का नाम दिया
जयपुर कमिश्नरेट के प्रथम कमिश्नर बीएल सोनी ने बीट कांस्टेबल के महत्व को देखते हुए उन्हें ‘बीट अधिकारी’ का नाम दिया था। उन्होंने नवज्योति को बताया कि डीजी पूरे प्रदेश में जनता के जान, माल और इज्जत की रक्षा करते हैं। रेंज में आईजी, जिले में एसपी, तहसील में एसएचओ और ठीक उसी प्रकार बीट में जान, माल और इज्जत की रक्षा ‘बीट अधिकारी’ करते हैं। इस कारण मैंने उनको बीट अधिकारी बनाया था। बीट डायरी भी संधारित करने के लिए दी थी। सोनी जयपुर कमिश्नरेट की ओर से निकाली बीट बुक के प्राक्कथन में दो अक्टूबर, 2011 को लिखते हैं-‘बीट अधिकारी देश की सुरक्षा में उतना ही महत्वपूर्ण हैं,जितना सीमा पर तैनात सेना का जवान।
जल्द दुरुस्त करेंगे बीट प्रणाली : जोसेफ
अ भी तक आचार संहिता चल रही थी। अब हटी है। आने वाले दिनों में तबादले भी होंगे। इसके बाद बीट प्रणाली को दुरुस्त किया जाएगा। अगले दो-ढाई साल तक प्रणाली को निरंतर मजबूत बनाया जाएगा। दीवारों पर भी नए सिरे से बीट प्रणाली की जानकारी दी जाएगी।
-बीजू जॉर्ज जोसेफ, पुलिस कमिश्नर जयपुर
क्या बीट कांस्टेबल को जानते हैं
प हले तो बीट कांस्टेबल के नाम दीवारों पर लिखे होते थे, लेकिन अब नाम दिखाई नहीं पड़ते हैं। मैं बीट कांस्टेबल को नहीं जानता हूं।
-अजय कुमार शर्मा, पुरानी चुंगी, आगरा रोड, जयपुर
हमारे क्षेत्र का बीट कांस्टेबल कौन है? मैं नहीं जानता हूं, उन्होंने कभी सम्पर्क नहीं किया।
-डॉ. रितेश बागोरिया, निवारू रोड, झोटवाड़ा
कभी सम्पर्क में नहीं आया बीट कांस्टेबल, मैं नहीं जानता हूं।
-राजेश खीची, चार दरवाजा जयपुर
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