भजनलाल शर्मा की पहल : दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों के लिए वरदान बनी मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल सम्बल योजना, नि:शुल्क इलाज का प्रावधान
राज्य में निवासरत होना चाहिए
आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है। राज्य सरकार ने इन बच्चों के लिए आर्थिक सहायता की प्रक्रिया को सुगम, पारदर्शी और प्रभावी बनाया है।
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर शुरू की गई मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल सम्बल योजना दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बालक-बालिकाओं के लिए वरदान बनकर आई है। प्रदेश के ऐसे बच्चे जो दुर्लभ बीमारियों से ग्रसित होने के बाद आर्थिक अभाव में उपचार की उम्मीद छोड़ देते थे, उन्हें अब योजना के माध्यम से 50 लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज एवं आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की राष्ट्रीय नीति 2021 के तहत सूचीबद्ध बीमारी से पीड़ित 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को समुचित इलाज, देखभाल एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है। राज्य सरकार ने इन बच्चों के लिए आर्थिक सहायता की प्रक्रिया को सुगम, पारदर्शी और प्रभावी बनाया है।
इलाज के साथ 5 हजार प्रतिमाह की आर्थिक मदद
मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल सम्बल योजना के अन्तर्गत दुर्लभ बीमारी से पीड़ित बालक या बालिका को 50 लाख रुपए तक का उपचार निशुल्क उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त इन्हें 5 हजार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता राशि देय है। योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने की पात्रता के अनुसार पीड़ित बालक या बालिका की उम्र 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। आवेदक राजस्थान का मूल निवासी हो अथवा तीन वर्ष से अधिक समय से राज्य में निवासरत होना चाहिए।
ऑनलाइन आवेदन सहज प्रक्रिया
बालक या बालिका के दुर्लभ बीमारी से पीड़ित होने की स्थिति में पालनकर्ता की ओर से जनाधार नम्बर से ई-मित्र अथवा स्वयं की एसएसओ आईडी से बायोमेट्रिक या ओटीपी के माध्यम से आॅनलाइन आवेदन किया जा सकता है। प्राधिकृत चिकित्सा अधिकारी नोडल अधिकारी, एम्स जोधपुर एवं जेके लॉन अस्पताल, जयपुर की ओर से दुर्लभ बीमारी से पीड़ित होने का आॅनलाइन प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

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