प्रदेश में 7 सीटों पर होंगे उपचुनाव : भाजपा जाति, परिवारवाद का कार्ड खेलने की तैयारी में कांग्रेस 

अशोक गहलोत भी जीत की गणित में जुटे हैं

प्रदेश में 7 सीटों पर होंगे उपचुनाव : भाजपा जाति, परिवारवाद का कार्ड खेलने की तैयारी में कांग्रेस 

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बाद अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी जीत की गणित में जुटे हैं। 

जयपुर। राजस्थान में आगामी अक्टूबर माह में संभावित 7 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस अपनी पुरानी रणनीति के तहत विधायक से सांसद बने चेहरों पर ही दांव खेल कर जीत हासिल करने की तैयारी में है। वहीं भाजपा कांग्रेस के खाते की सात में से छह सीटों पर काबिज होने के लिए क्षेत्रीय और जातिय समीकरणों को साधकर जीत की फिराक में है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, प्रदेश प्रभारी राधामोहनदास अग्रवाल उपचुनाव क्षेत्रों का दौरा कर क्षेत्रीय नेताओं से फीडबैक ले रहे हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बाद अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी जीत की गणित में जुटे हैं। 

उप चुनाव के पुराने ट्रेंड को देख रही कांग्रेस
कांग्रेस की सरकार के वक्त प्रदेश में उपचुनाव के पुराने ट्रेंड को देखकर कांग्रेस अपने पक्ष में परिणाम लाने की तैयारी में है। वर्ष 2014 से 2023 तक 17 उपचुनावों में कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं। हालांकि कांग्रेस के तत्कालीन विधायकों के निधन के बाद सहानूभूति की लहर और कांग्रेस का सत्ता में होना भी एक बड़ा कारण था। जिन सात सीटों झुंझुनूं, चौरासी, देवली-उनियारा, दौसा, खींवसर, सलूम्बर और रामगढ़ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से छह सीटों पर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस काबिज हुई थी। केवल सलूम्बर सीट पर भाजपा जीती थी। ऐसे में भाजपा के लिए जीत बड़ी चुनौती है। भाजपा को यहां जीत के लिए कांग्रेस के तत्कालीन विधायकों से सांसद बने चेहरों और उनकी क्षेत्र में मजबूत पकड़ का तोड जातिय समीकरणों में तलाश रही है। ताकि कोर वोटों के साथ ही बड़े वोट बैंक को अपने साथ लाया जा सके। ऐसे में भाजपा क्षेत्र में जातिगत समीकरणों पर दांव खेलकर ही जीत का रास्ता निकालने की जुगत में है। सत्ताधारी पार्टी होने का फायदा भी भाजपा के पक्ष में परिणाम का बड़ा कारण हो सकता है। 

भाजपा की गणित : जातीय समीकरणों पर निर्भर 
दौसा की सामान्य सीट पर भाजपा बाह्मण या मीणा वर्ग को, झुंझुनूं में जाट वर्ग को, चौरासी में आदिवासी वर्ग, देवली-उनियारा में गुर्जर या मीणा वर्ग, खींवसर में जाट वर्ग, सलूम्बर में मीणा वर्ग और रामगढ़ में हिन्दू वोटर्स के ध्रुवीकरण के लिए आरएएस वर्ग के चेहरे को टिकट दिये जाने की तैयारी है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ सहित अन्य भाजपा नेता उपचुनाव क्षेत्रों फीडबैक के आधार पर दावेदारों के नामों का पैनल भी बना रहे हैं।  

कांग्रेस की गणित : परिवारवाद पर विश्वास
अधिकांश सीटों पर कांग्रेस टिकट वितरण में परिवारवाद के भरोसे ही मैदान में उतर सकती है। दौसा में सांसद बने मुरारीलाल मीणा के परिवार से सविता मीणा या बेटी निहारिका जोरवाल, देवली उनियारा में सांसद बने हरीशचन्द्र मीणा की राय को तवज्जो देकर चेहरा उतारने की तैयारी है। यहां पूर्व विधायक धीरज गुर्जर, पूर्व मंत्री अशोक चांदना का नाम भी है। झुंझुनूं में सांसद बृजेन्द्र ओला की पत्नी राजबाला ओला और बेटे अमित ओला का नाम चर्चा में है। खींवसर में अभी कांग्रेस एलायंस में आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल से गठबंधन पर तस्वीर साफ नहीं है। गठबंधन नहीं हुआ, तो कांग्रेस में दुर्गसिंह चौहान, पूर्व मंत्री हरेन्द्र मिर्धा के बेटे राघवेन्द्र मिर्धा, उपजिला प्रमुख बिंदु चौधरी, पूसाराम आचार्य, नारायण सिंह गोटन, राजेन्द्र फिड़ौदा दावेदार हैं। चौरासी में पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा, विनोद कटारा भादर, सरपंच मुकेश खांट, दिलीप रोत, सेवादल प्रतिनिधि बच्चूलाल खराड़ी, सलूम्बर में पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, बसंती मीणा का नाम प्रबल दावेदारी में है। 

Read More किसान आंदोलन के कारण रेल यातायात प्रभावित

 

Read More अपनी उपलब्धियों पर विभाग करेगा सहकार गैलेरी विकसित

Tags: election

Post Comment

Comment List

Latest News

शुरू होने से पहले ही एमए एमएससी पर लगा ब्रेक शुरू होने से पहले ही एमए एमएससी पर लगा ब्रेक
विद्यार्थियों को अगले सत्र 2025-26 तक करना होगा इंतजार ।
झारखंड की बेटियों को कैंसर से बचाएगी हेमंत सरकार, मुख्यमंत्री के निर्देश पर योजना का प्रस्ताव तैयार
अपनी उपलब्धियों पर विभाग करेगा सहकार गैलेरी विकसित
साल के अंतिम सोमवार को ताड़केश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
विधानसभा का सत्र जनवरी के आखिरी सप्ताह में मंत्रियों की कमेटी राज्यपाल के अभिभाषण को देगी अंतिम रूप
झोटवाड़ा व्यापार मंडल की सांकेतिक भूख हड़ताल
परवन सिंचाई परियोजना की सीएमओ को हर माह भेजनी होगी रिपोर्ट, धीमी गति को लेकर सांसद ने जताई थी नाराजगी