जनाना अस्पताल: एनआईसीयू में गिरा छत का प्लास्टर, बड़ा हादसा टला
अस्पताल में आए दिन हो रहे प्लास्टर और फॉल्स सीलिंग गिरने के हादसे
प्लास्टर गिरने से कोई नवजात इसकी चपेट में नहीं आया नहीं तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।
जयपुर। चांदोपल स्थित जनाना अस्पताल इन दिनों खासी चर्चा में है। यहां अव्यवस्थाएं मरीजों और नवजातों पर भारी पड़ रही हैं। आए दिन कभी नर्सेज और अस्पताल अधीक्षक के बीच विवाद से काम बंद हो जाना तो कभी वार्डों, आईसीयू में प्लास्टर गिरने के मामले से अस्पताल की छवि धूमिल हो रही है। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को भी अस्पताल में देखने को मिला।
दरअसल अस्तपाल के एनआईसीयू में छत से प्लास्टर गिर गया। हालांकि प्लास्टर गिरने से कोई नवजात इसकी चपेट में नहीं आया नहीं तो बड़ी जनहानि हो सकती थी। इस बीच एनआईसीयू में मौजूद स्टाफ ने तत्परता दिखाते हुए बच्चों को तुरंत दूसरी जगह शिफ्ट किया। गौरतलब है कि इससे पहले भी अस्पताल में कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी है लेकिन अस्पताल प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं देर रहा है।
महिला चिकित्सालय में सुधार की जरूरत, मेंटिनेंस का काम योजनाबद्ध तरीके से समय पर हो पूरा: चिकित्सा शिक्षा सचिव
प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से जुडे अस्पतालों में चिकित्सकीय व्यवस्थाओं के साथ-साथ भवनों की स्थिति में सुधार के लिए मेंटिनेंस कार्यों पर योजनाबद्ध रूप से कार्य किया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान इस संबंध में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि निरीक्षण के दौरान महिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाएं संतोषजनक पाई गई हैं लेकिन भवन की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने महिला चिकित्सालय में विभिन्न मेंटीनेंस कार्यों के लिए जल्द एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में पांच वर्षीय प्लान बनाकर समेकित रूप से मेंटिनेंस कार्य करवाए जाएं। टॉयलेट्स में बार-बार लीकेज की समस्या दूर करने के लिए प्लंबरिंग कार्य की पद्धति में बदलाव करें। कुमार ने करीब ढाई घंटे तक अस्पताल का दौरा किया एवं अधिकारियों से व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए चर्चा की।
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