निगम अधिकारियों को नहीं मिल रही अवैध डेयरियां, कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
आसपास रहने वालों को होती है परेशानी
शहर में अवैध रूप से संचालित अवैध डेयरियों के संचालन से आसपास रहने वाले लोगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जयपुर। शहर में प्रमुख मार्गों, चौराहों के साथ ही धार्मिक स्थलों के आसपास बेसहारा पशु खुलेआम विचरण करते हुए आमजन को दिखते हैं और दुर्घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन निगम के अधिकारियों को ना तो सड़कों, चौराहों और ना ही धार्मिक स्थलों पर दिख नहीं रहे।
नगर निगम जयपुर ग्रेटर क्षेत्र के मानसरोवर जोन, सांगानेर जोन एवं जगतपुरा जोन सहित विभिन्न बाहरी इलाकों के साथ ही भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अवैध डेयरियां संचालित हो रही है। निगम के अधिकारी खानापूर्ति के नाम पर अवैध पशु डेयरियों पर कार्रवाई तो कर रहे हैं, लेकिन उनके जाने से पहले की सूचनाएं लीक होने से कभी-कभी बैरंग लौटना पड़ता है। दस्ता मौके पर पहुंचने से पहले पशुओं को इधर-उधर कर दिया जाता है और मौके पर पशु नहीं मिलते। इससे निगम में आने वाली शिकायतों का निस्तारण कर खानापूर्ति कर रहे हैं।
नियमित कार्रवाई के दावे
नगर निगम जयपुर ग्रेटर पशु प्रबंधन शाखा के डॉ. राकेश कलोरिया ने बताया कि शहर में खुलेआम घूमने वाले बेसहारा पशुओं के साथ ही अवैध डेयरियों पर कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान बेसहारा पशुओं (गायों) को पकड़कर हिंगौनियां गौ पुर्नवास केन्द्र पहुंचाया जाता है। उन्होंने बताया कि विद्याधर नगर क्षेत्र के साथ ही भी नायला हाउस, टोंक फाटक एवं महेश नगर इलाकों में कार्रवाई की।
आसपास रहने वालों को होती है परेशानी
शहर में अवैध रूप से संचालित अवैध डेयरियों के संचालन से आसपास रहने वाले लोगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। अवैध डेयरियों से मौके पर अधिक गंदगी फैलने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ने के साथ ही आसपास बदबू से लोगों का रहना भी मुश्किल होता है। प्रताप नगर सेक्टर 28 में अवैध रूप से संचालित डेयरी को लेकर स्थानीय निवासी दिनेश ने बताया कि कई बार शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। टीम आने से पहले पशुओं को खोल दिया जाता है।
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