नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में ग्रीन नेट्स से कराल एरिया को किया गया कवर
वन्यजीवों को गर्मी से बचाने के जतन
दूसरी ओर हिरण प्रजाति को इस मौसम में विशेष तौर पर खाने में तरबूज, खीरा और ककड़ी दी जा रही है।
जयपुर। भीषण गर्मी से जहां आम इंसान परेशान है। वहीं दूसरी ओर वन्यजीवों को इससे बचाने के लिए भी वन विभाग की ओर से जतन शुरू किए गए हैं। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों को गर्मी से बचाने के लिए पिंजरों में स्प्रिंकलर्स लगाए गए हैं। वन्यजीवों के पिंजरों के आस-पास पानी का छिड़काव भी किया जा रहा हैं। टाइगर, लायन, भालू, लेपर्ड सहित अन्य वन्यजीवों को पानी में ग्लूकोज और सप्लीमेंट्स मिलाकर दिया जा रहा हैं। ताकि वन्यजीवों को गर्मी और स्ट्रेस से बचाया जा सकें। इस मौसम में खासकर भालुओं को खाने में दूध और फलों का उपयोग कर बनाई गई फू्रट आईसीक्रीम दी जा रही है। इन्हें साथ में ठंडा दूध और जौ का सत्तू भी दिया जा रहा है। दूसरी ओर हिरण प्रजाति को इस मौसम में विशेष तौर पर खाने में तरबूज, खीरा और ककड़ी दी जा रही है।
पिंजरों में जंबो कूलर लगाए
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों के पिंजरों में जंबो कूलर लगाए हैं। ग्रीन नेट्स से इनके कराल एरिया को कवर किया गया है। जानकारी के अनुसार लायन, भालू, पैंथर, टाइगर सहित अन्य वन्यजीवों को डिस्प्ले एरिया में छोड़ने से पहले नहलाया जा रहा हंै। यहां सभी वन्यजीवों की डिवार्मिंग कर दी गई हैं। खासतौर पर बाघिन रानी के शावक भीम-स्कंदी और शेरनी तारा के शावक शेरा की पहली गर्मी को देखते हुए इनका विशेष ध्यान रखा जा रहा हैं। सीसीटीवी कैमरे से इनकी निगरानी की जा रही है।
इनका कहना है...
विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों को गर्मी से बचाने के लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं। भालू फैमिली को विभिन्न फलों और दूध से बनाई फ्रट आईसक्रीम दी जा रही हैं। कैट फैमिली के वन्यजीवों को डिस्प्ले एरिया में छोड़ने से पहले नहलाया जा रहा हैं। इन्हें पानी में ग्लूकोज और अन्य सप्लीमेंट्स मिलाकर दिए जा रहे हैं।
-डॉ. अरविंद माथुर,
वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क

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