मिट्टी के काम वाले कुम्हारों को उद्योग का दर्जा देने की सदन में उठी मांग, बिश्नोई ने कहा- मिट्टी उद्योग पोकरण की पारंपरिक कला
बजट में 2000 इलेक्ट्रिक चौक और मिट्टी की मशीन उपलब्ध कराने की घोषणा की
राजस्थान विधानसभा में बुधवार को विधायक छोटू सिंह भाटी ने जैसलमेर में कुम्हारों के काम को मिट्टी उद्योग का दर्जा देने की मांग उठाई
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बुधवार को विधायक छोटू सिंह भाटी ने जैसलमेर में कुम्हारों के काम को मिट्टी उद्योग का दर्जा देने की मांग उठाई। प्रश्नकाल में विधायक छोटू सिंह भाटी ने वेयरहाउस, धर्म कांटा और कोरियर को उद्योग का दर्जा देने को लेकर सवाल लगाया। मंत्री के के विश्नोई ने कहा कि 425 रीको औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए गए हैं। औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक और वाणिज्यिक सेवाओं को बढ़ावा दिया जाता है। औद्योगिक वाणिज्यिक सेवाओं को उद्योग की श्रेणी में स्थापित किया जाता है। राजस्थान लॉजिस्टिक पॉलिसी 2025 लेकर आई है।
विधायक छोटू सिंह भाटी ने पूछा कि पोकरण की मिट्टी से कुम्हार खिलौने बर्तन आदि बनाते हैं। सरकार के मिट्टी उद्योग का दर्जा देने का विचार करती है या नहीं। मंत्री केके बिश्नोई ने कहा मिट्टी उद्योग पोकरण की पारंपरिक कला है। रेगिस्तानी और पारंपरिक संस्कृति का समायोजन करती है। दो किस्तों में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कुम्हारों को सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने बजट में 2000 इलेक्ट्रिक चौक और मिट्टी की मशीन उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
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