पेयजल उपभोक्ताओं को बड़ी राहत : पानी नहीं होगा महंगा, 15 हजार लीटर तक फ्री पानी मिलता रहेगा वर्ष 2017 के बाद नहीं बढ़ी पानी की दरें
सरकार ने जनहित में लिया निर्णय
इसके तहत पानी की वर्तमान दरों को चार गुणा करने की सहमति वित्त विभाग से प्राप्त होने पर दरों में वृद्धि की जा रही हैं।
जयपुर। राज्य सरकार ने प्रदेश के पेयजल उपभोक्ता को बड़ी राहत प्रदान की है। अब प्रदेश में पीने का पानी महंगा नहीं होगा। 15 हजार लीटर तक उपभोक्ताओं को फ्री पानी मिलता रहेगा। अब पेयजल उपभोक्ताओं से वर्तमान में लागू दरों पर ही पानी के बिलों एवं अन्य सेवाओं की राशि वसूल की जाएगी। राज्य सरकार ने अनुदान के रूप में शेष राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, इससे सरकार पर लगभग 2100 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का अतिरिक्त भार आएगा। जलदाय मंत्री कन्हैयालाल ने बताया कि वर्ष 2017 से लागू पानी की दरों में राज्य सरकार ने वृद्धि नहीं की है। वर्ष 2017 से अब तक पेयजल संरचनात्मक ढांचे तथा पेयजल वितरण प्रणाली, संचालन, संधारण एवं रखरखाव लागत में लगभग चार से पांच गुणा वृद्धि हुई हैं। वर्ष 2015 में प्रचलित दरों में प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय किया था, लेकिन वर्ष 2017 के बाद एक बार भी दरों को नहीं बढ़ाया गया। परिणाम स्वरूप टैरिफ से प्राप्त होने वाला राजस्व, रखरखाव व संधारण के खर्चों का बहुत कम हिस्सा ही है। इसके कारण जल वितरण संबंधी परिसंपत्तियों की गुणवत्ता में कमी आकर, उसके कार्यशीलता पर भी कुप्रभाव पड़ता हैं।
घरेलू कनेक्शन (साइज 15 एमएम से 25 एमएम) पर आठ हजार लीटर तक सात रुपए, आठ हजार से 15 हजार लीटर तक 9 रुपए, 15 हजार से 40 हजार लीटर तक 18 रुपए तथा 40 हजार लीटर से अधिक उपभोग पर 22 रुपए एक हजार लीटर शुल्क लगेगा। 15 एमएम तक वाले उपभोक्ताओं को 15 हजार लीटर तक पानी फ्री मिलता रहेगा। इसके साथ ही 15 हजार एमएम साइज के कनेक्शन से 15 हजार लीटर से अधिक हर माह पानी का उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं से अधिक शुल्क वसूला जाएगा। नॉन डॉमेस्टिक उपभोक्ताओं से प्रथम 15 हजार लीटर तक 40 रुपए, 15 से 40 हजार लीटर तक 73 रुपए और 40 हजार लीटर से अधिक उपभोग पर 97 रुपए एक हजार लीटर शुल्क वसूला जाएगा।
सरकार ने जनहित में लिया निर्णय
जलदाय मंत्री ने बताया कि पेयजल की दरों को वास्तविक लागत के आधार पर तर्क संगत बनाने का निर्णय लिया गया हैं। इसके तहत पानी की वर्तमान दरों को चार गुणा करने की सहमति वित्त विभाग से प्राप्त होने पर दरों में वृद्धि की जा रही हैं।
उसके बावजूद भी राज्य की जनता पर
अतिरिक्त भार नहीं डालने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने जनहित में निर्णय लिया है, कि पेयजल उपभोक्ताओं से वर्तमान लागू दरों पर ही पानी के बिलों एवं अन्य सेवाओं की राशि वसूल की जाएगी।
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