नए जिलों की वजह से हजारों पंचायतों में सीमांकन में होगी देरी, खिसक सकते हैं चुनाव
राजस्थान में गहलोत सरकार के दौरान बने नए 19 जिलों में पंचायतों में सीमांकन व्यवस्था में रही खामियों के चलते अब इन्हें दुरुस्त करने में समय लग सकता है।
जयपुर। राजस्थान में गहलोत सरकार के दौरान बने नए 19 जिलों में पंचायतों में सीमांकन व्यवस्था में रही खामियों के चलते अब इन्हें दुरुस्त करने में समय लग सकता है। वार्ड सीमांकन कार्य में देरी के चलते पंचायतों में चुनाव कराने में देरी तय मानी जा रही है। अब ये चुनाव अगले साल में अगस्त बाद ही कराने की नौबत बनी हुई है।
राजस्थान में 49 नगर निकाय के पांच महीने बाद नवम्बर में तथा जनवरी 25 में करीब 6759 ग्राम पंचायतों और मार्च 25 में 704 तथा अक्टूबर 25 में 3847 ग्राम पंचायतों में निर्वाचन जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। वंही, राज्य सरकार, पंचायत राज एवं नगर निकाय के महकमे की चुनाव को लेकर बेरुखी, आवश्यक कार्यवाही के प्रति लेट लतीफे से समय पर चुनाव होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। जबकि राजस्थान में साल 2020 -2021में कोराना महामारी के मद्देनजर पंचायतो, नगर पालिका, परिषद के चुनाव अलग अलग महीनों में लम्बे समय में हुए थे। जनवरी 2020 में 6759, मार्च में 704, अक्टूबर में 3847 पंचायतों के चुनाव तथा वर्ष 2019 नवम्बर में 49 , अक्टूबर से दिसंबर 2020 तक 56, ओर 2021 में जनवरी फरवरी में 90 नगर पालिका, परिषद के चुनाव हुए थे। इससे पांच साल कार्यकाल के मद्देनजर इसी नवंबर माह से पहले 49 नगर पालिका, अगले साल 2025 में अक्टूबर से दिसंबर से पहले 56 नगर पालिका, परिषद का नियमानुसार चुनाव का काज पूरा होना चाहिए। ऐसे ही इसी साल दिसंबर से जनवरी 25 तक 6759, मार्च में 704, अक्टूबर में 3847 पंचायतों में पदों के चुनाव होने चाहिए, लेकिन राज्य सरकार की पंचायत, नगर पालिका के वार्ड परिसीमन कार्य पूरा कराने में सूस्ती के देखते हुए इस साल नगर पालिका, पंचायतों के चुनाव समय पर प्रारंभ होने के आसार बेहद कम नजर आ रहे हैं। गुजरे दो से तीन साल में अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में करीब 86 पंचायतों को नगरपालिका में तब्दील कर, बिना चुनाव कराए, संबंधित पंचायत के निर्वाचन सरपंच को नगर पालिका अध्यक्ष और ग्राम पंचायत के पंचों को पार्षद नियुक्त कर दिया था। ऊपर से तात्कालिक गहलोत सरकार ने राज्य में तकरीबन दो दर्जन जिलों में पंचायतों को अलग कर 19 नये जिले भी घोषित किए। उसमें नये जिले के सीमांकन में करीब एक दर्जन पंचायत समितियो की पंचायतों में कुछ को पूराने जिले में ही शामिल रखा। अब इससे नए जिले में जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्य के निर्वाचन के लिए वार्डों का नये सिरे से परिसीमन करा पड़ेगा। ऐसे ही 86 पंचायतों को नगर पालिका में तब्दील करने से वहां भी नगर पालिका क्षेत्र, पार्षद निर्वाचन क्षेत्र का परिसीमन भी करना है। यह सब काम राज्य सरकार को कराना है और राज्य निर्वाचन विभाग को राज्य सरकार से आवश्यक निर्देश मिलने के बाद ही पंचायतों,नगर निकाय के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। राज्य निर्वाचन विभाग ने राज्य सरकार को इसके लिए चिठ्ठी लिखकर ध्यान दिला दिया है। इसके बावजूद भी सरकार के संबंधित महकमे में कार्यवाही सुस्त नजर आ रही है। इससे प्रदेश में पंचायत राज पदों के 2025 में जनवरी से अक्टूबर माह तक कार्यकाल पूरा कर रही दस हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में सरपंच,पंच से लेकर पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य और प्रधान, जिला प्रमुख के चुनाव समय पर शुरू होने की संभावना नहीं लग रही है।

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