पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी को मिली जमानत : सुप्रीम कोर्ट ने दिए रिहाई के आदेश, अदालत में बताया- उन्हें फंसाया गया
याचिकाकर्ता को एक साल पहले नोटिस दिया
प्रकरण को लेकर एसीबी में दर्ज मूल केस में याचिकाकर्ता का नाम नहीं है। याचिकाकर्ता को एक साल पहले नोटिस दिया गया।
जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने जल जीवन मिशन से जुड़े मामले में पूर्व मंत्री महेश जोशी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस दीपंकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने यह आदेश महेश जोशी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। जमानत याचिका में अधिवक्ता विवेक जैन ने अदालत को बताया कि प्रकरण में उन्हें फंसाया गया है। प्रकरण को लेकर एसीबी में दर्ज मूल केस में याचिकाकर्ता का नाम नहीं है। याचिकाकर्ता को एक साल पहले नोटिस दिया गया।
इसके बाद बिना कोई परिस्थिति बदले उसे गत अप्रैल माह में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा ईडी याचिकाकर्ता पर 2.01 करोड़ रुपए का आरोप लगा रही है, जबकि इसे लेकर ईडी के पास कोई साक्ष्य नहीं है और परिवादी यह राशि कहां से लाया, उसका भी उल्लेख नहीं है। इसके अलावा ईडी ने अपनी रिपोर्ट में बेटे की फर्म में 50 लाख रुपए का लेनदेन बता रही है। यह राशि बेटे की कंपनी ने लोन के तौर पर ली थी और उसे लौटाया भी जा चुका है। वहीं इस राशि को लेकर सिविल केस भी लंबित चल रहा है। वहीं मामले में आरोप-पत्र भी पेश हो चुका है। इसके बावजूद भी हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। ऐसे में उन्हें जमानत का लाभ दिया जाए।

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