उपापन संस्थाओं में न्यूनतम बोलीदाता चयन पर वित्त विभाग ने जारी किए नए निर्देश, एल-2 बोलीदाता को भी मौका मिलेगा
तकनीकी जटिलताओं से बचने के लिए संस्थाएं किस आधार पर आदेश जारी कर सकती
राजस्थान वित्त विभाग ने उपापन संस्थाओं के लिए नई मार्गदर्शिका जारी की है। इसमें कहा गया है कि यदि केवल एक न्यूनतम बोलीदाता (एल-1) हो, तो संस्थाएं कार्य की प्रकृति, समयसीमा और संसाधन देखते हुए उसी को आदेश दे सकती हैं। नियम 74 के तहत एल-2 को काउंटर ऑफर देने का प्रावधान भी है, जिससे कार्य का हिस्सा एल-2 को भी मिल सकेगा।
जयपुर। वित्त विभाग ने उपापन संस्थाओं द्वारा न्यूनतम बोलीदाता के चयन में आ रही दिक्कतों को देखते हुए नई मार्गदर्शन व्यवस्था जारी की है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जहां केवल एक ही न्यूनतम बोलीदाता (एल-1) आता है, वहां उपापन प्रक्रिया में देरी और तकनीकी जटिलताओं से बचने के लिए संस्थाएं किस आधार पर आदेश जारी कर सकती हैं।
परिपत्र के अनुसार यदि केवल एक सफल बोलीदाता हो, तो उपापन संस्था कार्य की प्रकृति, उपलब्ध मानव संसाधन और समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए उचित कारणों के आधार पर उसी एक बोलीदाता को कार्यादेश जारी कर सकती है। यह भी कहा गया है कि नियमों के अनुसार ऐसी स्थिति में बोलीदाता से आवश्यक दस्तावेज और उसकी क्षमता की पुष्टि करना अनिवार्य होगा।
इसके साथ ही राजस्थान लोक उपापन पारदर्शिता नियम 2013 के नियम 74 के तहत एक से अधिक बोली प्राप्त होने पर एल-1 और द्वितीय न्यूनतम बोलीदाता (एल-2) की भूमिका स्पष्ट की गई है। यदि एल-1 एक से अधिक हों, तो कार्यादेश उनके बीच विभाजित किया जाएगा, जबकि यदि केवल एक एल-1 हो तो एल-2 को काउंटर ऑफर दिया जाएगा। काउंटर ऑफर स्वीकारने की स्थिति में एल-2 को भी कार्य का हिस्सा मिल सकेगा।

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