नियमों के उल्लंघन और प्रोजेक्ट में देरी पर फर्म का ठेका निरस्त, दो निविदाएं नॉन-रेस्पॉन्सिव घोषित करते हुए अनुबंध निरस्त
राज्य सरकार ने हनुमानगढ़ में चल रहे जल संसाधन विकास परियोजना के तहत जयपुर की एक फर्म की ओर से प्रस्तुत की गई दो निविदाओं को राजस्थान लोक उपापत्ति निवारण अधिनियम, 2012 और 2013 के नियमों के तहत नॉन-रेस्पॉन्सिव घोषित कर दिया है।
जयपुर। राज्य सरकार ने हनुमानगढ़ में चल रहे जल संसाधन विकास परियोजना के तहत जयपुर की एक फर्म की ओर से प्रस्तुत की गई दो निविदाओं को राजस्थान लोक उपापत्ति निवारण अधिनियम, 2012 और 2013 के नियमों के तहत नॉन-रेस्पॉन्सिव घोषित कर दिया है। इन निविदाओं में अनुबंध निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।
जल संसाधन विभाग के परियोजना निदेशक PMU (RWSPRPD) एवं प्रमुख अभियंता, जल संसाधन (उत्तर) हनुमानगढ़ की ओर से इन निविदाओं की समीक्षा की गई। इसमें डिस्चार्ज क्षमता के निर्माण से संबंधित कार्य और 5 किमी लंबी पाइपलाइन के निर्माण से संबंधित निविदाएं शामिल थीं। फर्म की निविदा का प्रारंभिक अवलोकन 28 अगस्त 2024 को हुआ, जिसके बाद इसे नॉन-रेस्पॉन्सिव घोषित किया गया। विभागीय समिति ने नियमों के उल्लंघन और प्रोजेक्ट की आवश्यकताओं के अनुसार पूर्ण न होने के आधार पर यह निर्णय लिया।
फर्म ने PHED डिवीजन कुचामन के अधीन विभिन्न जल परियोजनाओं के लिए एचडीपीई पाइप लाइन और सीमेंट कंक्रीट कार्यों में भाग लिया था। उनकी दूसरी निविदा में 5 किमी लंबी आउटफॉल पाइपलाइन का निर्माण शामिल था, जिसे अनुचित मानकों के कारण नॉन-रेस्पॉन्सिव घोषित कर दिया गया। इन कार्यों का कुल अनुमानित लागत लगभग 44 करोड़ रुपए थी।
विभाग ने अब इन निविदाओं को निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है, साथ ही भविष्य में इस प्रकार की त्रुटियों से बचने के लिए सख्त नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
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