राजस्थान में चार दिवसीय बंद की घोषणा : प्रदेश की 247 मंडियों में रहेगी हड़ताल, खाद्यान्न व्यापार 23, 24, 25 एवं 26 को बंद
23 से 26 फरवरी तक चार दिवसीय व्यापार बंद रहेगा
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की कार्यकारिणी की बैठक संघ कार्यालय जयपुर में आयोजित की गई
जयपुर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की कार्यकारिणी की बैठक संघ कार्यालय जयपुर में आयोजित की गई। आयोजित मीटिंग में 247 मण्डियों के प्रतिनिधि, तेल मिल, आटा मिल, दाल मिल तथा मसाला उद्योग के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। राज्य सरकार के द्वारा कृषक कल्याण फीस 22 फरवरी तक समाप्त नहीं करने, बाहर से आने वाली कृषि जिंसों पर लिया जाना वाला मण्डी सेस तथा कृषक कल्याण फीस समाप्त नहीं करने, श्रीअन्न पर आड़त 2.25 प्रतिशत नहीं करने पर 23 से 26 फरवरी तक चार दिवसीय व्यापार बंद रहेगा। सभी उद्योग बंद में सहयोगी होंगे।
प्रांतीय कार्यकारिणी के उपस्थित सदस्यों ने जिनमें वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रहलोद मेठी तथा रामचरण नाटाणी, अतिरिक्त महामंत्री लक्ष्मीनारायण डंगायच व कैलाशचन्द कायथवाल, प्रांतीय संगठन मंत्री केदारप्रसाद पीतलिया, जयपुर संभागीय प्रभारी घासीराम अग्रवाल, गंगापुरसिटी व्यापार संघ के महामंत्री विष्णु कुमार डंगायच व कोषाध्यक्ष अनिल कुमार मित्तल, बीकानेर से प्रबंधन मंत्री सुभाष सारण, कोषाध्यक्ष विकास बंसल, सोहनलाल भूरिया व कैलाश चन्द, संघ के दलहन प्रकोष्ठ से पवन अग्रवाल व मधुसूदन गर्ग सहित उपस्थित सभी सदस्यों ने एकमत से रोष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार हमारी उचित मांग नहीं मान रही है। कृषक कल्याण फीस जिसका उपयोग कृषि मण्डी के किसी कार्य में नहीं होता है; चाहे वह विकास का कार्य ही क्यों नहीं हो, न ही किसी कृषक के कल्याण के लिये उपयोग में लाया जाता है, न ही किसी व्यापारी को किसी प्रकार की राहत देने के लिये काम में लिया जाता है। ऐसे में कृषक कल्याण फीस का अनावश्यक डाला जाने वाला बोझ सहन नहीं किया जायेगा। चार दिन का बंद कर 26 फरवरी को राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की आमसभा अग्रिम आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिये आयोजित की जानी चाहिये। जिसे उपस्थित सभी सदस्यों ने स्वीकारोक्ति प्रदान की।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि राज्य की 247 मण्डियों के व्यापारी, 1700 तेल मीलों, 1200 दाल मीलों, 800 छोटी-बड़ी आटा मीलों तथा मसाला उद्योगों से संबंधित 40 फैक्ट्रियों के उद्योगपति राज्य में लगने वाले कृषक कल्याण फीस तथा बाहर से आने वाले कृषि जिंसों पर राज्य में लगाये जा रहे मण्डी टैक्स तथा कृषक कल्याण फीस से तथा श्रीअन्न पर यानि ज्वार, बाजरा, मक्का, जीरा, ईसबगोल आदि पर आड़त 2.25 प्रतिशत नहीं किये जाने के कारण व्यापार करने में दिक्कत महसूस कर रहा है। उद्योग धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं। राज्य सरकार से बार-बार निवेदन करने पर भी राज्य में कृषि जिंस के क्रय-विक्रय पर संधारित कृषक कल्याण फीस को समाप्त नहीं किया जा रहा है। मोटे अनाज तथा जीरा व ईसबगोल पर आड़त 2.25 प्रतिशत नहीं की जा रही है। बाहर से आने वाले कृषि जिंस पर मण्डी टैक्स तथा कृषक कल्याण फीस वसूली जा रही है। इसलिये मजबूर होकर राज्य का व्यापारी 23, 24, 25 व 26 फरवरी को अपना व्यापार बंद रखने के लिये बाध्य होगा और 26 फरवरी को आमसभा आयोजित कर अग्रिम आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिये मजबूर होगा। जिसके लिये राज्य सरकार स्वयं जिम्मेवार होगी।

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