निकायों में प्रशासकों के कामकाज की समीक्षा, स्वायत्त शासन विभाग ने मांगी रिपोर्ट
सरकार लगातार इन निकायों के कामकाज की मॉनिटरिंग कर रही
प्रदेश के स्थानीय निकायों में प्रशासक नियुक्त होने के बाद आमजन से जुड़े कार्यों के निस्तारण की प्रक्रिया के आंकलन के लिए स्वायत्त शासन विभाग ने सभी निकायों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। विभाग का उद्देश्य यह जानना है कि बिना चुनी हुई परिषद के निकायों में जनता के कार्य किस स्तर पर, कितनी गति और कितनी पारदर्शिता से हो रहे हैं।
जयपुर। प्रदेश के स्थानीय निकायों में प्रशासक नियुक्त होने के बाद आमजन से जुड़े कार्यों के निस्तारण की प्रक्रिया के आंकलन के लिए स्वायत्त शासन विभाग ने सभी निकायों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। विभाग का उद्देश्य यह जानना है कि बिना चुनी हुई परिषद के निकायों में जनता के कार्य किस स्तर पर, कितनी गति और कितनी पारदर्शिता से हो रहे हैं। राज्य की डेढ़ सौ से अधिक नगर निकायों में चुनाव प्रक्रिया में देरी के चलते इस समय प्रशासक काम देख रहे हैं। ऐसे में सरकार लगातार इन निकायों के कामकाज की मॉनिटरिंग कर रही है।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि अखबारों में प्रकाशित हो रहीं शिकायतों और जन समस्याओं को देखते हुए निकायों की कार्यशैली को और मजबूत करने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में निकायों से यह भी पूछा गया है कि लंबित प्रकरणों, जन शिकायतों, सफाई, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल, निर्माण कार्य और अन्य नगर सेवा से जुड़े कार्यों का किस प्रकार त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। सरकार चाहती है कि प्रशासक काल में जनता की सेवाओं में किसी प्रकार की कमी न रहे और निष्पक्ष प्रशासन सुनिश्चित हो। स्वायत्त शासन विभाग की इस पहल को निकायों की कार्यप्रणाली को सुदृढ़ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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