सरकार के आदेश, श्री अन्नपूर्णा रसोइयों का होगा सघन निरीक्षण और भौतिक सत्यापन, 24 तक देनी हैं रिपोर्ट
गरीबों और जरूरतमंदों के लिए पिछली सरकार में शुरू की गई रसोई योजना को प्रदेश की मौजूदा भजन लाल सरकार ने नए रूप में श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना के नाम से लागू किया है।
जयपुर। गरीबों और जरूरतमंदों के लिए पिछली सरकार में शुरू की गई रसोई योजना को प्रदेश की मौजूदा भजन लाल सरकार ने नए रूप में श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना के नाम से लागू किया है। नए रूप में लागू की गई इस योजना के जमीनी हालात जानने के लिए मॉनिटरिंग शुरू कर दी है।
स्थानीय निकाय निदेशक सुरेश कुमार ओला ने सभी निकायों को सख्त आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में प्रदेश भर में चल रही रसोइयों के सघन निरीक्षण और भौतिक जांच करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए सुरेश कुमार ओला ने सभी निकायों के आयुक्त और अधिशासी अधिकारियों को हिदायत दी है। इसके मुताबिक इस निरीक्षण और जांच में विभिन्न मापदंड देखे जाएंगे। रसोई के मेन्यू के अनुसार थाली में विभिन्न सामग्री उपलब्ध है या नहीं। भोजन की गुणवत्ता कैसी है , रसोई के अंदर और बाहर की साफ सफाई कैसी है । रसोई के ऊपर श्री अन्नपूर्णा रसोई का नाम का होर्डिंग लगाया गया है या नहीं और कूपन काटने की क्या प्रक्रिया है ऐसे सभी मापदंडों पर रसोइयों की जांच की जाएगी । इस जांच व निरीक्षण के लिए स्वायत्त शासन विभाग ने दो दिन का समय दिया है। सभी निकायों को 22 जनवरी और 23 जनवरी को 2 दिन में यह काम पूरा करना है। अपने क्षेत्राधिकार की सभी रसोइयों की जांच कर संबंधित उपनिदेशक को 24 जनवरी तक रिपोर्ट भेजनी है।
क्या है पूरा मामला
प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई रसोई योजना में शहरों में 980 रसोइयों का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश की नई भाजपा सरकार ने योजना की समीक्षा की। इस समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में योजना का नाम बदलने का ऐलान किया। इस योजना का नाम बदलकर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया गया।
योजना में यह हुए बदलाव:
-अब इस योजना की रसोई में भोजन करने वाले व्यक्ति को पहले से अधिक भोजन मिल रहा है
-थाली में परोसे जाने वाले भोजन का वजन अब 450 ग्राम से बढ़ाकर 600 ग्राम कर दिया गया है
-पहले थाली में ढाई सौ ग्राम चपाती,सौ ग्राम दाल और सौ ग्राम सब्जी व अचार मिलते थे
-अब थाली में तीन सौ ग्राम चपाती,सौ ग्राम दाल,
-सौ ग्राम सब्जी के साथ सौ ग्राम चावल/मोटा अनाज भी दिया जा रहा है
-साथ ही पहले की तरह अचार भी दिया जा रहा है
-भोजन का वजन बढ़ाने से प्रति थाली कीमत 25 रुपए से बढ़ कर 30 रुपए हो गई है
-लेकिन लाभार्थी से पहले की तरह ही प्रति थाली आठ रुपए ही लिए जाते हैं
-राज्य सरकार अब 17 रुपए के बजाए 22 रुपए प्रति थाली अनुदान देती है

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