राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण : वंदे मातरम गीत एवं स्वदेशी संकल्प से गूंजा शासन सचिवालय परिसर, कार्यक्रम में सुधांश पंत रहे मुख्य अतिथि

भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देने और पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई

राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण : वंदे मातरम गीत एवं स्वदेशी संकल्प से गूंजा शासन सचिवालय परिसर, कार्यक्रम में सुधांश पंत रहे मुख्य अतिथि

राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सोमवार को शासन सचिवालय परिसर में वंदे मातरम 150 एवं स्वदेशी संकल्प कार्यक्रम’ का आयोजन हुआ। देशभक्ति और स्वदेशी भावना से ओतप्रोत इस कार्यक्रम में मुख्य सचिव सुधांश पंत मुख्य अतिथि रहे।कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य सचिव सुधांशु पंत के प्रेरणादायक उद्बोधन से हुई।

जयपुर। राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सोमवार को शासन सचिवालय परिसर में वंदे मातरम 150 एवं स्वदेशी संकल्प कार्यक्रम’ का आयोजन हुआ। देशभक्ति और स्वदेशी भावना से ओतप्रोत इस कार्यक्रम में मुख्य सचिव सुधांश पंत मुख्य अतिथि रहे।कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य सचिव सुधांशु पंत के प्रेरणादायक उद्बोधन से हुई। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने का यह अवसर अत्यंत गौरवशाली और गर्व का क्षण है। बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित और गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा संगीतबद्ध वंदे मातरम को वर्ष 1896 में पहली बार सार्वजनिक रूप से गाया गया और उसके बाद यह पूरे आंदोलन का प्रतीक बन गया। 

उन्होंने कहा कि 150 वर्षों की यात्रा में वंदे मातरम ने भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और राष्ट्रवादी चेतना को निरंतर प्रेरित किया है। केन्द्र सरकार द्वारा वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर इस गीत की भावना और उसके ऐतिहासिक महत्व को पुनः जाग्रत करने के लिए एक राष्ट्रीय स्मृति पहल की शुरूआत की गई है। इसके तहत देशव्यापी उत्सवों के माध्यम से नागरिकों, विशेषकर युवाओं और विद्यार्थियों, को इस गीत की मूल राष्ट्रीय भावना से जोड़ा जाएगा। मुख्य सचिव के उद्बोधन के पश्चात सचिवालय परिसर में “एक स्थान, एक समय, एक गीत– वंदे मातरम्” की थीम पर सामूहिक गायन का आयोजन हुआ। सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उपस्थित जन ने एक स्वर में ‘वंदे मातरम’ का गायन किया। इसके पश्चात मुख्य सचिव ने सभी को ‘स्वदेशी संकल्प’ के तहत स्थानीय उत्पादों के उपयोग, भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देने और पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव, विभागाध्यक्ष, अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।

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