बजट के अभाव में अधर में बांधों की मरम्मत का कार्य, किसानों की बढ़ी चिंता
संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जा चुकी
पंचायती राज विभाग से हस्तांतरित तीन हजार से अधिक बांधों की मरम्मत का काम बजट की कमी के चलते अधर में लटका हुआ है।
जयपुर। पंचायती राज विभाग से हस्तांतरित तीन हजार से अधिक बांधों की मरम्मत का काम बजट की कमी के चलते अधर में लटका हुआ है। इन बांधों का संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है, लेकिन मानसून से पहले इनकी मरम्मत का लक्ष्य अधूरा रह गया। जयपुर जिले के 82 बांध भी जल संसाधन विभाग (WRD) को हस्तांतरित किए जा चुके हैं, लेकिन बजट के अभाव में सुधार कार्य शुरू नहीं हो सका।
सूत्रों के अनुसार, बजट उपलब्ध नहीं होने से मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त बांधों में पानी रुकना मुश्किल होगा। इसका सीधा असर हजारों किसानों पर पड़ेगा, जो सिंचाई के लिए इन बांधों पर निर्भर हैं। WRD और पंचायती राज विभाग ने मानसून से पहले बांधों को सुधारने का फैसला लिया था, लेकिन बजट न मिलने से यह योजना पूरी नहीं हो पाई।
किसान लंबे समय से बांधों की मरम्मत का इंतजार कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द ही आवश्यक बजट आवंटित नहीं हुआ तो मानसून के पानी का समुचित उपयोग नहीं हो सकेगा, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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