सीआरपीएफ जवान के अंतिम संस्कार में विवाद, 2 घंटे रुकी रही अंत्येष्टि
परिजन मृतक को सभी सेवा लाभों का लिखित आश्वासन देने पर अडे
13 फरवरी की रात साथी दो जवानों पर सर्विस रायफल से फायरिंग कर की थी हत्या, फिर खुद को भी कर लिया शूट
झुंझुनूं। मणिपुर में अपने दो साथी जवानों की गोली मारकर हत्या करने के बाद स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले सीआरपीएफ के जवान संजय कुमार के अंतिम संस्कार में विवाद खड़ा हो गया। झुंझुनूं जिले की पिलानी तहसील के बिगोदना गांव के मुक्तिधाम में परिजनों और ग्रामीणों ने करीब दो घंट तक अंत्येष्टि रोके रखी। बाद में सकारात्मक वार्ता के बाद अंतिम संस्कार किया गया।
परिवार का कहना था कि सीआरपीएफ न तो सैन्य सम्मान दे रही है और न ही घटना की पूरी जानकारी दे रही है। ग्रामीणों ने मांग रखी कि परिवार को मिलने वाले सभी सेवा लाभों का लिखित आश्वासन दिया जाए। दिल्ली से बॉडी लाने वाली टुकड़ी के इंचार्ज इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह भास्कर और मणिपुर से आए कांस्टेबल सोनू राव ने ग्रामीणों की मांग पर कंपनी के सैकण्ड कमांडेंट आॅफिसर आशीष मिश्रा से संपर्क किया गया। मिश्रा ने बताया कि घटना की जांच चल रही है।
परिवार में मचा कोहराम
शनिवार सुबह सीआरपीएफ की गाड़ी से जवान संजय कुमार की पार्थिव देह को ग्राम बिगोदना स्थित घर लाया गया। इस दौरान परिवार में कोहराम मच गया। परिवार के सदस्यों ने अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि दी। इसके बाद बॉडी को गांव के अंत्येष्टि स्थल पर ले जाया गया जहां सीआरपीएफ अधिकारियों समेत ग्रामीणों ने पुष्पचक्र अर्पित किए।
13 फरवरी की रात फायरिंग
इम्फाल वेस्ट (मणिपुर) जिले के लामफेल के सीआरपीएफ कैंप में 13 फरवरी की रात करीब 8:20 बजे हेड कांस्टेबल संजय कुमार मेघवाल ने अपने साथियों पर सर्विस राइफल से फायरिंग कर दी थी। फायरिंग में सब इंस्पेक्टर तिलकराज और कांस्टेबल राजीव रंजन की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 8 अन्य जवान घायल हो गए थे। इसके बाद जवान ने खुद को भी गोली मारकर सुसाइड कर लिया था।
बेटे को नसीहत, सीआरपीएफ की नौकरी मत करना
इस दौरान रोते हुए जवान के बेटे ने कहा-पिता ने फोन पर कहा था, तुम खूब पढ़ाई करो। सीआरपीएफ की नौकरी मत करना ये बहुत हार्ड होती है।
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