मंडियों के विकास का अधूरा पन्ना जारी किया
सर्ववर्ग हिताय बजट: उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने पेश किया बजट
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की मांगे
जयपुर। राज्य सरकार की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की ओर से वर्ष 2024-25 का प्रस्तुत किया गया। बजट सर्ववर्ग हिताय बजट प्रतीत होता है। कृषि विपणन, कृषक कल्याण तथा कृषि जिन्स उत्पादन की बात करें तो कृषि जिन्स का उत्पादन बढ़ाने के लिए 650 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरसों का उत्पादन बढ़ाने तथा कृषि जिन्सों के उन्नत बीज तैयार करने में यह प्रावधान कारगर सिद्ध होगा। यह बजट हमारी मांगों का अधूरा पन्ना ही है।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने निम्नलिखित मांगों को प्रस्तुत किया है:
1. कृषक कल्याण फीस समाप्त करना।
2. मण्डी के बाहर एवं भीतर बिकने वाली कृषि जिन्सों पर एक समान मण्डी सेस लगाना।
3. मण्डी सेस की एक दर 1 प्रतिशत करना।
4. श्री अन्न के क्रय-विक्रय पर आडत 2.25 प्रतिशत करना।
5. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के भवन की भूमि पर वार्षिक लीज मनी समाप्त करना।
6. पुरानी मण्डियों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को दुरस्त करना।
7. बीकानेर मण्डी के 90 संयुक्त लाईसेन्सधारियों को भूखण्ड उपलब्ध कराना।
8. खेड़ली मण्डी में किराये की दुकानों को मालिकाना हक पर देना।
9. टोंक मण्डी के गोदाम 25 प्रतिशत डीएलसी दर पर देना।
10. उदयपुर मण्डी कैण्टीन श्री व्यापार मण्डल को आवंटित करना।
11. समर्थन मूल्य पर की जाने वाली खरीद आडतियों के माध्यम से करना।
12. नाम परिवर्तन के लिए वांछित फीस 0.50 प्रतिशत करना।
13. अनाज मण्डियों में प्याज बिकने की अनुमति देना।
14. प्रतापगढ़ में लगे उद्योगों को रिप्स में शामिल करना।
15. कृषि जिन्स विपणन पार्क डवलप करना।
16. गंगापुरसिटी की मण्डी की जमीन को आरएसी के कब्जे से मुक्त कराना।
17. नयी मीलों की तरह पुरानी मीलों को रिप्स में छूट देना।
18. बूंदी मण्डी का डीएलसी निर्धारण भूखण्ड आवंटन के लिए मेन गेट की दर अनुसार करना।
19. बयाना के 40 साल पहले के आवंटित पट्टों को रेगुलराईज करना।
20. अजमेर मण्डी में मण्डी का विस्तार करना।
21. बांदीकुई मण्डी में टीनशेड लगाने की स्वीकृति देना।
22. मण्डियों में खिलाड़ियों के लिए मैदान उपलब्ध कराना।
23. भरतपुर मण्डी में भूखण्डों का आवंटन करना।
ये मांगे अभी भी राजस्थान सरकार के पास विचारार्थ लम्बित हैं। हमारी मांग है कि शीघ्रातिशीघ्र हमारी मांगों का निष्पादन किया जाना चाहिए।
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