जयपुर की सांस्कृतिक आत्मा के रूप में धड़कता रहा जेकेके : सजा संस्कृति, रचनात्मकता और उत्सवों का यादगार साल

लोक संगीत और नारी शक्ति का सशक्त मंच

जयपुर की सांस्कृतिक आत्मा के रूप में धड़कता रहा जेकेके : सजा संस्कृति, रचनात्मकता और उत्सवों का यादगार साल

जयपुर के कला प्रेमियों के लिए ये साल केवल एक कैलेंडर वर्ष नहीं, बल्कि स्मृतियों से भरा एक सांस्कृतिक अध्याय बन गया है। जवाहर कला केंद्र के लिए यह वर्ष रचनात्मक प्रयोगों, सांस्कृतिक उत्सवों और व्यापक जनभागीदारी का ऐसा संगम रहा, जिसने इसे फिर से राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी के केंद्र में स्थापित किया।

जयपुर। जयपुर के कला प्रेमियों के लिए ये साल केवल एक कैलेंडर वर्ष नहीं, बल्कि स्मृतियों से भरा एक सांस्कृतिक अध्याय बन गया है। जवाहर कला केंद्र के लिए यह वर्ष रचनात्मक प्रयोगों, सांस्कृतिक उत्सवों और व्यापक जनभागीदारी का ऐसा संगम रहा, जिसने इसे फिर से राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी के केंद्र में स्थापित किया। विश्व प्रसिद्ध वास्तुकार चार्ल्स कोरिया की ओर से नवग्रह मंडल की अवधारणा पर निर्मित यह परिसर पूरे साल कला, साहित्य, रंगमंच, संगीत और लोक परंपराओं से सराबोर रहा।

भाषा-साहित्य का उत्सव: विजयदान देथा की स्मृति
21 से 23 मार्च तक आयोजित विजयदान देथा साहित्य उत्सव राजस्थानी भाषा और लोक साहित्य को समर्पित रहा। 10 सत्रों में 35 से अधिक साहित्यकारों ने अपनी रचनात्मक दृष्टि साझा की। लोक और शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियों ने इस साहित्यिक आयोजन को जनमानस से जोड़ने का काम किया।

राजस्थान दिवस: संस्कृति का भव्य प्रदर्शन
25 से 30 मार्च तक आयोजित राजस्थान दिवस समारोह जवाहर कला केंद्र की बहुआयामी गतिविधियों का प्रतीक बना। लोक गायन, नृत्य कार्यशालाएं, तबला जुगलबंदी, भक्ति संगीत, फ्यूजन बैंड और नाट्य प्रस्तुतियों ने हर आयु वर्ग के दर्शकों को आकर्षित किया। सफेद जवारा और कौव्वों की पाठशाला जैसे नाटकों के साथ लोक गायिका बेगम बतूल और भंवरी देवी की प्रस्तुतियों ने विशेष प्रभाव छोड़ा।

स्थापना दिवस और दृश्य कला का विस्तार
8 से 10 अप्रैल तक आयोजित स्थापना दिवस समारोह में जेकेके की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाया गया। लुप्तप्राय वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी, बाल नाट्य प्रस्तुतियां और पं. विश्व मोहन भट्ट, पं. सलिल भट्ट तथा उस्ताद अनवर खान मांगणियार जैसे दिग्गजों की प्रस्तुतियों ने इसे यादगार बनाया। मई में आयोजित रंगरीत कला महोत्सव में पारंपरिक चित्रकारों की कृतियों ने दृश्य कला प्रेमियों को आकर्षित किया।

Read More उदयपुर मास्टर प्लान पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, फतेहसागर झील के पास होटल निर्माण का रास्ता आसान

नई पीढ़ी की रचनात्मक पाठशाला
16 मई से 20 जून तक आयोजित जूनियर समर कैंप में 500 से अधिक बच्चों ने संगीत, रंगमंच, साहित्य और दृश्य कला की 18 विद्याओं में प्रशिक्षण लिया। यह शिविर भविष्य के कलाकारों के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ। 11 से 17 जुलाई तक आयोजित नटराज महोत्सव समकालीन रंगमंच का सशक्त मंच बना। छह नाटकों और तीन संवाद सत्रों में मानव कौल, सुमित व्यास, आदिल हुसैन जैसे कलाकारों की सहभागिता ने थिएटर प्रेमियों को समृद्ध अनुभव दिया।

Read More एंटी नारकोटिक्स सेल की छापेमारी : झुंझुनूं में एमडी ड्रग्स फैक्ट्री पर चला बुलडोजर, मुर्गी फार्म में बने स्टोरेज हाउस और मशीनों के कमरों को किया ध्वस्त

-रामकथा, लोक परंपरा और राष्ट्रीय सहभागिता
अक्टूबर में दशहरा नाट्य महोत्सव के तहत तकनीकी रूप से समृद्ध श्रीमानस रामलीला का मंचन हुआ। इसके बाद 7 से 17 अक्टूबर तक आयोजित 28वां लोकरंग महोत्सव लोक कला का महाकुंभ बनाए जिसमें 25 राज्यों के लगभग 2500 कलाकारों और राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले ने लोक परंपराओं को भव्य मंच दिया।

Read More जयपुर-आगरा हाईवे पर अनाधिकृत पार्किंग पर होगी कार्रवाई, परिवहन आयुक्त पुरुषोत्तम शर्मा ने दिए सख्ती के निर्देश

जनवरी से बसंत तक: अभिव्यक्ति और तुराज का स्वागत
वर्ष की शुरुआत जनवरी में आयोजित स्पीकिंग स्किल्स वर्कशॉप से हुई, जिसमें युवाओं ने संवाद, आत्मविश्वास और मंचीय अभिव्यक्ति के गुर सीखे। इसके तुरंत बाद 28 से 30 जनवरी तक बसंत बहार उत्सव ने केंद्र को रंग, राग और लय से भर दिया। कथक, ओडिसी और भरतनाट्यम की प्रस्तुतियों में अदिति शर्मा, डॉ. तरुणा जांगिड, पं. हरीश गंगानी, डॉ. रीला होता और शांतनु चक्रवर्ती जैसे कलाकारों ने बसंत के उल्लास को मंच पर जीवंत कर दिया।

लोक संगीत और नारी शक्ति का सशक्त मंच
20 फरवरी से 6 मार्च तक पद्मश्री अली-गनी के नेतृत्व में आयोजित मांड गायन कार्यशाला में युवा कलाकारों ने इस लोक गायन शैली की बारीकियां सीखी। वहीं 6 से 10 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित वसुधा महोत्सव महिला कलाकारों की रचनात्मक शक्ति का उत्सव बना। महिला चित्रकार शिविर, नृत्य, गायन, नाट्य प्रस्तुतियां और संवाद सत्रों ने केंद्र को स्त्री सृजन की ऊर्जा से भर दिया। 

Related Posts

Post Comment

Comment List

Latest News

दिल्लीवासियों को मिला क्रिसमस का सबसे बड़ा तोहफा, 50 दिनों के बाद ली स्वच्छ हवा में सांस, एक्यूआई 220 पर पहुंचा दिल्लीवासियों को मिला क्रिसमस का सबसे बड़ा तोहफा, 50 दिनों के बाद ली स्वच्छ हवा में सांस, एक्यूआई 220 पर पहुंचा
राष्ट्रीय राजधानी में क्रिसमस की सुबह 50 दिनों में सबसे कम प्रदूषण दर्ज किया गया। तेज हवाओं के चलते एक्यूआई...
Weather Update : सर्द हवाओं से बढ़ी ठिठुरन, खेतों में जमी ओस ; सीकर और नागौर जिले में कोल्ड-वेव की चेतावनी जारी
9वीं कक्षा के छात्र ने लगाई फांसी : परिजनों के डांटने पर उठाया आत्महत्या का कदम, पुलिस को नहीं मिला कोई सुसाइड नोट
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर भड़कीं मायावती, बोलीं-हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हिंसा गंभीर चिंता का विषय
कांग्रेस का हल्ला-बोल, नई परिभाषा में अरावली का संरक्षण संभव नहीं
जान्हवी कपूर बनीं ‘न्यू बैलेंस’ की पहली भारतीय ब्रांड एंबेसडर, ग्लोबल फैशन और फिटनेस में भारत की मजबूत मौजूदगी
सुशासन दिवस : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अटल बिहारी वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि, सुशासन को बताया सतत प्रक्रिया