मदन दिलावर ने प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण पर दिया जोर, कहा-नदी सभ्यताओं की जननी, इसका करे संरक्षण
जगह जगह अतिक्रमण कर हम नदियों और तालाब को नुकसान पहुंचा रहे
दिलावर ने लोगों से अपील की कि जल के महत्व को पहचाने और नदी, तालाब और कुओं के संरक्षण को प्राथमिकता दे।
जयपुर। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा है कि नदी मानव सभ्यताओं की जननी है यदि नदिया सूख गई तो मानव सभ्यता संकट में पड़ जाएगी। दिलावर जयपुर के कालवाड़ ग्राम पंचायत में बांडी नदी, ग्राम पंचायत नर्सरी में आयोजित नदी संरक्षण संगोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जल है तो जीवन है। अगर जल नहीं तो कल नहीं और जीवन संकट में पड़ जाएगा लेकिन आधुनिकता की आंधी दौड़ में हम जल के महत्व को भूलते जा रहे है। उन्होंने कहा कि नदियां और तालाब जो जल संग्रहण के प्राकृतिक स्रोत थे वो हमारी महत्वकांक्षाओं की भेट चढ़ रहे है। जगह जगह अतिक्रमण कर हम नदियों और तालाब को नुकसान पहुंचा रहे है जबकि हमारे पुरखे नदियों और तालाबों की पूजा करते थे। वो जानते थे कि पानी के बिना हमारा जीवन संभव नहीं हमारी भारतीय संस्कृति में बच्चे के जन्म के समय कुआं पूजन की परंपरा है।
जो ये बताता है जन्म के बाद जीवित रहने के लिए पानी अतिआवश्यक है। दिलावर ने लोगों से अपील की कि जल के महत्व को पहचाने और नदी, तालाब और कुओं के संरक्षण को प्राथमिकता दे। नदी नहीं रहेगी तो हम भी नहीं रह पाएंगे। क्यों कि नदियां प्रकृति शुद्ध जल का भंडार तो है ही, ये भूमि जल को भी रिचार्ज करती है। जिसके कारण भूमि में जल स्तर बढ़ता है और पेड़, पौधे, प्रकृति फलती फूलती है। भूमि जल से ही खेती होती है और हमें अन्न और भोजन मिलता है। इसलिए हर हाल में हमें इस अमृत रूपी जल को बचाना होगा। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम में लोगों को नदी संरक्षण और उसे प्रदूषित नहीं करने के लिए शपथ भी दिलवाई।
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