सरकार पर मुकदमों का भार कम करने को लेकर मंथन, वी श्रीनिवास ने जताई चिंता
राज्य सरकार के खिलाफ अवमानना के मामले लंबित है
बैठक में महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि विशेष प्रकृति के मुकदमे में उस क्षेत्र के विशेषज्ञ वकील को अंगेज किया जाए, ताकि सरकार का प्रभावी रूप से पक्ष रखा जा सके।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट सहित अन्य अदालतों में राज्य सरकार के खिलाफ लंबित मुकदमों को लेकर मुख्य सचिव वी श्रीनिवास ने चिंता जताई है। इन मुकदमों का भार कम करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में रविवार को सचिवालय में बैठक आयोजित की गई। जिसमें महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद और अतिरिक्त महाधिवक्ताओं सहित कई सरकारी वकील जुड़े। बैठक में राज्य सरकार की नई वाद नीति के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर उठाए जाने वाले कदमों को लेकर भी चर्चा की गई। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव, प्रमुख विधि सचिव और विधि सचिव भी मौजूद रहे।
बैठक में महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि विशेष प्रकृति के मुकदमे में उस क्षेत्र के विशेषज्ञ वकील को अंगेज किया जाए, ताकि सरकार का प्रभावी रूप से पक्ष रखा जा सके। इसके अलावा जिन मामलों में हाईकोर्ट राज्य सरकार को अभ्यावेदन तय करने का आदेश देती है, उन मामलों को तत्काल प्रभाव से निपटाया जाए। महाधिवक्ता ने कहा कि हाईकोर्ट जिस मामले में आदेश देती है और उसमें आगे अपील नहीं करने का निर्णय लिया गया है तो उस मुकदमे के समान प्रकृति वाले दूसरे प्रकरणों को भी सरकार अपने स्तर पर ही निपटा दे। बैठक में अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि हाईकोर्ट में बड़ी संख्या में राज्य सरकार के खिलाफ अवमानना के मामले लंबित है।
अधिकारी अवमानना याचिका में कठोर निर्णय पारित होने का इंतजार करते हैं। सरकार के पास अपील कमेटी है। कोर्ट के फैसले को यह कमेटी देखे और यदि किसी मामले में अपील नहीं करने का निर्णय लिया जाता है तो उसकी पालना की जाए। अतिरिक्त महाधिवक्ता कपिल प्रकाश माथुर ने संसाधनों की कमी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकारी वकीलों के कार्यालयों में पर्याप्त संसाधन नहीं है। न तो फाइलों को रखने का उचित स्थान है और ना ही उचित संख्या में स्टाफ हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि बैठक में आए सुझावों को प्राथमिकता के साथ देखा जाएगा।

Comment List