जेकेके में मेघ उत्सव : कबीर वाणी ने बांधा समां सूफी संगीत की रसवर्षा, मूरालाला मारवाड़ा की मोहक प्रस्तुतियां
मीरा बाई के भजनों की गायन प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया
श्रेया गुहा ने बताया कि मेघ उत्सव का आयोजन मानसून के स्वागत और राजस्थान की समृद्ध लोक-संस्कृति के उत्सव रूप में किया गया। इस दो दिवसीय सांस्कृतिक समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों से आए विश्वविख्यात कलाकारों ने शिरकत की।
जयपुर। जवाहर कला केंद्र में चल रहे मेघ उत्सव के अंतिम दिन रविवार को विश्वप्रसिद्ध कबीर सूफी गायक मूरालाला मारवाड़ा की मनमोहक प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को आत्मविभोर कर दिया। गुजरात के कच्छ क्षेत्र से पधारे मूरालाला ने कबीर की वाणी को अपनी विशिष्ट लोक-सूफी शैली में प्रस्तुत कर माहौल को आध्यात्मिक रस और संगीतमय भावनाओं से भर दिया। मन लागा मेरे यार फकीरी में, झीनी-झीनी बीनी चदरिया जैसे कालजयी पदों के साथ-साथ मीरा बाई के भजनों की गायन प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर डेल्फिक काउंसिल ऑफ रा जस्थान की अध्यक्ष श्रेया गुहा, रेरा चेयरपर्सन वीनू गुप्ता, पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, प्रमुख महालेखाकार सतीश गर्ग, राजीविका की परियोजना निदेशक नेहा गिरी, आईएएस अधिकारी कविता सिंह एवं निशांत जैन सहित अनेक प्रतिष्ठित अतिथि उपस्थित रहे।
श्रेया गुहा ने बताया कि मेघ उत्सव का आयोजन मानसून के स्वागत और राजस्थान की समृद्ध लोक-संस्कृति के उत्सव रूप में किया गया। इस दो दिवसीय सांस्कृतिक समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों से आए विश्वविख्यात कलाकारों ने शिरकत की।

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