नई शिक्षा नीति युवा पीढ़ी को ज्ञान परंपरा से जोड़ती है : देवनानी
जीवन मूल्यों की जड़ों को मजबूत करना आवश्यक है
सदस्य दुर्गादास ने कहा कि भारत मौलिक वैज्ञानिक खोजों के रूप में पहले ही समुदाय को अनेक उपहार दे चुका है।
जयपुर। केवल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और विश्वविद्यालयों की स्थापना से बात नहीं बनेगी, जीवन मूल्यों की जड़ों को मजबूत करना आवश्यक है। यह कहना था विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का। वे अपेक्स विश्वविद्यालय में आईसीएसएसआर के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार नई शिक्षा नीति: अंगीकरण एवं क्रियान्वयन के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति सर्वसम्मति से लागू की गई नीति है, जो विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास पर जोर देती है। समारोह की अध्यक्षता कर रहे अखिल भारतीय घुमन्तु कार्य प्रमुख अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य दुर्गादास ने कहा कि भारत मौलिक वैज्ञानिक खोजों के रूप में पहले ही समुदाय को अनेक उपहार दे चुका है।
मुख्या वक्ता महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार के पूर्व कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने कहा कि नीति निर्माण के साथ-साथ इसका क्रियावयन भी आवश्यक है। इस मौके पर केंद्रीय हिंदी संस्थान की पूर्व निदेशक प्रो. बीना शर्मा, एनसीटीई के उतर क्षेत्रीय समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रो बी. एल. भाटिया, केंद्रीय विश्विद्यालय हरियाणा के डॉ. दिनेश चहल और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के प्रो. वाचस्पति मिश्रा, विवि चेयरपर्सन डॉ. रवि जूनीवाल और कुलपति प्रो. सोमदेव सतांशु सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किए।
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