हाथी सवारी का लुत्फ उठाने वालों की संख्या में हुई हर साल बढ़ोतरी
हाथीगांव में भी हर साल बढ़ी पर्यटकों की संख्या
जानकारी के अनुसार हाथी गांव में 70 से अधिक हाथी रहवास कर रहे हैं।
जयपुर। ऐतिहासिक किले-महलों, स्मारकों और उनके इतिहास को समेटे गुलाबी नगरी अब वाइल्ड लाइफ के क्षेत्र में भी जानी जाने लगी है। यहां पर्यटकों को लायन, टाइगर, लेपर्ड सफारी के साथ ही हाथी सवारी करने का अवसर मिलता है। इसी का नतीजा है कि हाथी गांव हो या फिर आमेर महल में संचालित हाथी सवारी दोनों ओर पर्यटकों में इसका क्रेज देखने को मिल रहा है। पुरातत्व और वन विभाग से मिले आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार हाथी गांव में 70 से अधिक हाथी रहवास कर रहे हैं।
हाथी सवारी करने वाले पर्यटकों के आंकड़े
वर्ष आमेर महल हाथी गांव
अप्रेल 2021 से मार्च, 2022 तक 4,780 13,897
अप्रेल 2022 से मार्च, 2023 तक 27,257 87,307
अप्रेल 2023 से मार्च, 2024 तक 39,545 1,04,641
दोनों जगह हर साल बढ़ा ग्राफ
जयपुर घूमने आने वाले पर्यटक आमेर महल देखने के साथ ही हाथी सवारी के प्रति भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज मॉन्यूमेंट्स की लिस्ट में शामिल आमेर महल में हाथी स्टैण्ड से जलेब चौक तक हाथी सवारी कराई जाती है। इसके लिए पर्यटकों को 1500 रुपए शुल्क देना पड़ता है। साथ ही पर्यटकों को आकर्षित करने कई नवाचार भी किए जा रहे हैं।
हाथीगांव में 70 से ज्यादा हाथी
प्रदेश का पहला हाथीगांव जयपुर में ही देखने को मिलता है। कहा जाए तो ये हाथियों का गांव है। जहां 70 से अधिक हाथी रहवास करते हैं। इन्हें यहां रखने के लिए वन विभाग की ओर से थान आवंटित किए गए हैं। यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या हर साल बढ़ी है।
हाथी गांव में आने वाले पर्यटकों की संख्या में हर साल बढ़ोतरी देखी गई है। पर्यटक यहां आकर हाथी सवारी का भी लुत्फ उठाते हैं।
-प्राची चौधरी, एसीएफ
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