किरोड़ी मीणा की छुट्टी पर सियासत : जूली ने भाजपा में गुट के लगाए आरोप, कहा - भाजपा नेता पहले अपने अंदर झांके

भाजपा में गुट होने की कहानी बताती है

किरोड़ी मीणा की छुट्टी पर सियासत : जूली ने भाजपा में गुट के लगाए आरोप, कहा - भाजपा नेता पहले अपने अंदर झांके

भाजपा के दूसरे विधायक भी उनकी सुनवाई नहीं होने की बातें कह रहे हैं। 

जयपुर। केबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की विधानसभा कार्रवाई में अनुपस्थित रहने की चिट्ठी को लेकर सियासत गरमाने लगी है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मीणा की छुट्टी की अर्जी के बहाने भाजपा में गुट होने के आरोप लगाए हैं। विधानसभा के बाहर जूली ने कहा कि कांग्रेस में धड़ों की बात करने वाले भाजपा नेता पहले अपने अंदर झांके और किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे पर भी कुछ बता दें कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया। अब उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ, तो उन्होंने विधानसभा से भी छुट्टी मांग ली। यह घटना भाजपा में गुट होने की कहानी बताती है। असली धड़े तो भाजपा में है, जहां भाजपाईयों की बात कोई सुनता नहीं है। किरोड़ीलाल मीणा पिछले 6 महीने से इस्तीफा देकर बैठे हैं और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। भाजपा के दूसरे विधायक भी उनकी सुनवाई नहीं होने की बातें कह रहे हैं। 

सरकार को गांव-किसान से कोई सरोकार नहीं
जूली ने कहा कि सरकार को गांव और किसानों से कोई मतलब नहीं है। इन्होंने बाजरे की एमएसपी पर खरीद का वादा पूरा नहीं किया और किसानों को 12 हजार रुपए किसान सम्मान निधि राशि भी नहीं दी। किसानों की आमदनी दुगुनी करने का वादा भी जुमला निकला। किसानों को खाद-बीज तक नहीं मिल रहा, इसलिए किसान इनकी प्राथमिकता में नहीं है। ये पंचायतीराज के चुनाव तक नहीं करवा पा रहे हैं। ईआरसीपी के समझौते की जानकारी हमें विधानसभा में नहीं दी गई। आखिरकार इस समझौते में ऐसा क्या है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो गया। ईआरसीपी के नाम पर राज्य सरकार ने सबसे बड़ा धोखा किया है। 

बेढ़म के आरोप समझ से परे
 गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म के कांग्रेस के पास कोई मुद्दे नहीं होने के लगाए आरोपों पर जूली ने कहा कि यह सरकार ही अपने आप में एक मुद्दा है। एक साल में इनसे सरकार नहीं चल रही। बेढ़म आंकड़ों की बात करें तो बताएं कि राजस्थान में कानून व्यवस्था के लिहाज से सबसे खराब स्थिति में उनका जिला भरतपुर ही है। वो खुद के जिले में अपराध नियंत्रित नहीं कर पा रहे। उनके कांग्रेस पर आरोप लगाना समझ से परे है। इस सरकार को कांग्रेस से इतना डर लगता है कि हमारे समय की योजनाओं को बंद करने, नाम बदलने और कमजोर करने का काम कर रहे हैं। केन्द्र और राज्य सरकार का कोई भी बजट जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। सदन में कारपेट के गुलाबी रंग पर जूली ने कहा कि कारपेट का गुलाबी रंग राजसी ठाठ-बाट का प्रतीक नजर आता है। पहले जो रंग हरा था, वो किसान, समृद्धि और भूमि से जुड़ाव का प्रतीक रहा है। अब सरकार ने रंग बदला है तो हो सकता है कि राजसी ठाठ की बातें यहां होंगी।

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