बीएलओ के आत्महत्या को लेकर गहरा आक्रोश किया व्यक्त, अभिभावक संघ ने उच्च स्तरीय जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की
संघ ने इस घटना को शिक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था की गंभीर विफलता बताया
राजधानी में एक बीएलओ की आत्महत्या के बाद संयुक्त अभिभावक संघ ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। बीएलओ ने सुसाइड नोट में अधिकारियों द्वारा अत्यधिक कार्यभार, मानसिक प्रताड़ना और सस्पेंशन की धमकियों का उल्लेख किया। संघ ने इसे प्रशासनिक विफलता बताते हुए दोषियों पर कार्रवाई, कार्यभार के वैज्ञानिक निर्धारण और शिक्षण व चुनावी कार्मिकों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा नीति की मांग की है।
जयपुर। राजधानी जयपुर में एक बीएलओ द्वारा की गई आत्महत्या को लेकर संयुक्त अभिभावक संघ ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। कालावाड़ के धर्मपुरा निवासी बीएलओ ने कथित तौर पर अत्यधिक कार्यभार, मानसिक प्रताड़ना और सस्पेंशन की धमकियों से त्रस्त होकर ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। पुलिस को मिले सुसाइड नोट में अधिकारी द्वारा निरंतर दबाव और अमानवीय व्यवहार का उल्लेख है।
संघ ने इस घटना को शिक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था की गंभीर विफलता बताया। प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि यह सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि व्यवस्था द्वारा की गई हत्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई अधिकारी रैंकिंग और रिपोर्ट सुधारने की होड़ में ज़मीनी कर्मचारियों को असहनीय दबाव में काम करने को मजबूर कर रहे हैं। बिट्टू ने कहा कि BLO और शिक्षक इंसान हैं, मशीन नहीं, और मानसिक तनाव अब जान लेने लगा है।
संयुक्त अभिभावक संघ ने घटना की उच्च स्तरीय जांच, संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई, BLOs/शिक्षकों पर कार्यभार का वैज्ञानिक निर्धारण, प्रताड़ना को दंडनीय अपराध घोषित करने तथा सभी शिक्षण/चुनावी कार्मिकों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा नीति बनाने की मांग की है। संघ ने चेतावनी दी कि अगर ऐसी घटनाओं को नहीं रोका गया तो शिक्षा व्यवस्था भयावह दिशा में जा सकती है।

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