जल जीवन मिशन की प्रगति धीमी, समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध
मिशन की समय सीमा 2026 तक बढ़ाने का अनुरोध
कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और संवेदकों द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण जल जीवन मिशन की प्रगति धीमी रही है।
जयपुर। कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और संवेदकों द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण जल जीवन मिशन की प्रगति धीमी रही है। सामग्री की बढ़ती लागत और निविदाओं में अधिक दरों के कारण कई निविदाएं निरस्त कर पुनः स्वीकृत करनी पड़ीं, जिससे मिशन में देरी हुई। जल जीवन मिशन को मार्च 2024 तक पूरा करना था, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए भारत सरकार ने इसकी समय सीमा 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी है।
जलदाय विभाग ने फील्ड में सतत निगरानी और पर्यवेक्षण करते हुए कार्यों की गति बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। बजट की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, मिशन की समय सीमा 2026 तक बढ़ाने के लिए जल शक्ति मंत्रालय को अनुरोध किया गया है। मिशन के तहत कार्यों में पारदर्शिता को लेकर सवाल भी उठे हैं। अब तक 17 मामलों में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप दर्ज हुए हैं। दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। मिशन की सफलता के लिए राज्य सरकार कड़ी निगरानी और उचित कदम उठाने के प्रयास कर रही है।
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