पीएम मोदी के नेतृत्व में राजस्थान सबसे अधिक पानी वाला राज्य होगा : सी.आर. पाटिल
जल संरक्षण का सामाजिक आंदोलन बन रहा कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान
कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के अंतर्गत सांगानेर में वर्षा जल संचयन कार्यों का हुआ शुभारंभ
जयपुर। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान सबसे अधिक पानी वाला राज्य होगा। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश को जल आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि आमजन भी जल की एक-एक बूंद के महत्व को समझते हुए जल संचय में जुड़े, इस उद्देश्य से शुरू किया गया कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान अब एक जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है। पाटिल ने बुधवार को राजकीय महाविद्यालय सांगानेर में सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के वर्षा जल संचयन के कार्यों के भूमि पूजन के अवसर पर कहा कि राज्य में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने राज्य को संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) के रूप में बड़ा तोहफा दिया है। इस अभियान में राजस्थान में 45 हजार रेन वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर वर्ष 2027-28 तक बनाए जाने हैं, जो वर्षा का पानी संग्रहित कर भूमिगत पानी के स्तर को बढ़ाएंगे।
बारिश आना जल संचय कार्यों के शुभारंभ के लिए शुभ संकेत: मुख्यमंत्री
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जल संचय के कार्यों के शुभारंभ के लिए बारिश आने से बेहतर और कोई शुभ संकेत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जल संसाधनों की सीमितता को देखते हुए वर्षा जल को व्यर्थ बहने से रोकना और संरक्षित करना आवश्यक है। इसी दिशा में ‘कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान’ संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जन सहभागिता से जल संचयन के कार्यों को सशक्त बनाने के इस अभियान में प्रवासी राजस्थानियों का भी अहम सहयोग प्राप्त हो रहा है। इसी तरह प्रदेश के हर कोने में जल संचयन के कार्यों को गति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक, गांव, पंचायत, कस्बा और शहर इस अभियान का हिस्सा बने और जल संरक्षण के इस पुनीत कार्य में योगदान दे। कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री एवं मुख्यमंत्री ने वर्षा जल संचयन के कार्यों का विधिवत भूमि पूजन कर शुभारम्भ किया।
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