त्वचा रोग निदान में नई तकनीकों से आई क्रांति : विशेषज्ञ
डर्माकॉन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में दूसरे दिन आयोजित हुए 36 सेशन
बेहतर तकनीक का उपयोग स्किन डिजीज में किस प्रकर कर सकते हैं और इलाज में एआई के बढ़ते इस्तेमाल पर भी एक सेशन हुआ।
जयपुर। डर्माकॉन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस के इलाज में आए नए एजेंट्स के बारे में चिकित्सकों ने विस्तार से चर्चा की। इस दौरान डॉ. कुशल वर्मा ने आधुनिक तकनीकों की जानकारी साझा की। साइको डर्मेटोलॉजिकल डिसॉडर के मैनेजमेंट पर कॉन्फ्रेंस में पैनल चर्चा हुई। डॉ. अनुपम दास ने मॉडरेट किया। सिरोइसिस में आ रहे नए इलाज के बारे में भी विशेषज्ञों ने जानकरी साझा की। कम लागत और उच्च प्रभाव वाले नवाचार पर प्रकाश डालते हुए त्वचा शल्य चिकित्सा को रोशन करने के बारे में भी कॉन्फ्रेंस में व्याख्यान दिया गया।
चिकित्सकों ने बताया कि आज के समय में ग्लूड नायलॉन सिवनी या मेश का उपयोग करके मेलानोसाइट-केराटिनोसाइट प्रत्यारोपण प्रक्रिया में सेल सस्पेंशन के प्रतिधारण के लिए नई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। विटिलिगो में चिकनी एपिडर्मल ग्राफ्ट ट्रांसफर के लिए बैलून वाला दस्ताना भी नई तकनीक का एक उदाहर है। नवीन कम लागत वाला, हल्का फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन निक्रोमोटर डिवाइस भी एक नई तकनीक का बेहतर उपयोग है। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. यूएस अग्रवाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में पारम्परिक और त्वचा विज्ञान में अत्याधुनिक प्रगति पर प्रकाश डालने वाले 36 सत्र आयोजित हुए। त्वचा के स्वास्थ्य के भविष्य की रूपरेखा के बारे में चर्चा हुई। बेहतर तकनीक का उपयोग स्किन डिजीज में किस प्रकर कर सकते हैं और इलाज में एआई के बढ़ते इस्तेमाल पर भी एक सेशन हुआ।
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