राजधानी में मौसमी बीमारियों का कहर, घर-घर में वायरल बुखार
डेंगू-मलेरिया का भी खतरा, रिपोर्ट नेगेटिव लेकिन प्लेटलेट्स डाउन
सर्दी-जुकाम, वायरल-रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के मरीजों की भी अस्पतालों में भारी भीड़, बैड्स-आईसीयू फुल
जयपुर। बदलते मौसम ने इन दिनों शहर में मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ा दिया है। घर घर में वायरल बुखार, डेंगू, मलेरिया, खांसी, रेस्पिरेटरी इंफेक्शन ने अपनी जगह बना ली है। हर घर में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बीमार हैं। इन दिनों मरीज के तेज बुखार के बाद लम्बे समय तक खांसी, बदन दर्द और कमजोरी की शिकायत ज्यादा आ रही हैं।
एसएमएस अस्पताल की ओपीडी इन दिनों 12 हजार प्रतिदिन के आंकड़े को पार गई है। वहीं आरयूएचएस, जेकेलोन, जयपुरिया सहित अन्य अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ है। सरकारी और निजी अस्पतालों में बैड्स और आईसीयू फुल हैं। मरीजों में बुखार तो एक दो दिन में ठीक हो रहा है लेकिन कमजोरी कई दिनों तक बनी हुई है। डेंगू-मलेरिया आदि की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है लेकिन प्लेटलेट्स अधिकांश मरीजों में डाउन हो रही है। वायरल बुखार का असर ज्यादातर मरीजों में देखा जा रहा है। डॉक्टर्स का कहना है लापरवाही बरतने पर इसका सीधा असर लिवर, किडनी, ब्रेन सहित शरीर के अन्य अंगों पर पड़ रहा है।
नारायणा हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. बृज वल्लभ शर्मा ने बताया कि आजकल मौसम में बदलाव के कारण डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू और वायरल बुखार के मामले बहुत तेजी से बढ़ हैं। इस बार वायरल बुखार के साथ खांसी भी लोगों में अधिक हो रही है जिसे ठीक होने में लगभग 7 से 8 दिन लग रहे हैं। कई लोगों को तो वायरस के साथ सिर दर्द तेज बुखार बदन दर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं। ऐसे में आपको कुछ लक्षणों पर जरा भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए जैसे यदि 101 डिग्री से अधिक बुखार हो, लगातार खांसी की समस्या हो, गले में जलन हो या फिर खराश हो, बदन में लगातार दर्द रहता हो, सिर दर्द और जी मिचलाने की भी समस्या हो, तब तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- आसपास सफाई रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मच्छरों को ना पनपने दें।
- पूरे बदन को ढ़कने वाले कपड़े पहनें।
- मॉस्किटो कॉइल का प्रयोग करें या मच्छरदानी में सोएं।
- बार-बार हाथ धोएं।
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें।
- संक्रमित से दूरी रखें।
- पौष्टिक आहार लें, नियमित व्यायाम को प्राथमिकता दें और अच्छी नींद अवश्य लें।
- ठंडा खाने और पीने से बचें।
- पर्याप्त मात्रा में लिक्विड लें।
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