श्री राम कला महोत्सव प्रदर्शनी शुरु, कैनवास पर साकार हुए श्री राम के जीवन प्रसंग
राजस्थान की पारंपरिक चित्र शैलियों में दर्शाया
वरिष्ठ चित्रकारों ने राजस्थान की 22 चित्र शैलियों यथा किशनगढ़, जैनए मेवाड़, फड़, कोटा, बूंदी शैलियों में इन चित्रों को तैयार किया।
जयपुर। एक्रेलिक रंगों से कैनवास पर साकार श्री राम के जीवन प्रसंग और इस पावन गाथा के सजीव चित्रण को निहारते कला प्रेमी। जवाहर कला केंद्र में यह दृश्य देखने को मिला। मौका रहा केंद्र की ओर से आयोजित श्री राम कला महोत्सव के अंतर्गत आयोजित प्रदर्शनी का। केंद्र की अतिरिक्त महानिदेशक अलका मीणा ने प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। केंद्र के अन्य पदाधिकारीगण और सभी कलाकार और कला प्रेमी मौजूद रहे। वरिष्ठ चित्रकार संदीप सुमहेंद्र के क्युरेशन में अयोध्या स्थित श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर 11 जनवरी को महोत्सव की शुरुआत हुई थी। प्रदेश के 20 वरिष्ठ और युवा चित्रकारों और कला विद्यार्थियों ने शिविर में यह पेंटिंग्स तैयार की। 20 जनवरी तक चतुर्दिक गैलरी में सुबह 11 से शाम 7 बजे तक यह पेंटिंग प्रदर्शित की जाएंगी। संदीप सुमहेंद्र ने बताया कि प्रदर्शनी में कुल 63 कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं। शिविर में भाग लेने वाले 20 कलाकारों ने प्रति कलाकार 2 प्रसंगों को चित्रित करते हुए कुल 40 पेंटिंग तैयार की, इसके अलावा 22 पेंटिंग विद्यार्थियों ने बनाई। इसके अतिरिक्त एक स्कल्पचर भी यहां प्रदर्शित किया गया है।
श्री राम के जीवन को राजस्थान की पारंपरिक चित्र शैलियों में दर्शाया
प्रदर्शनी में बालकांड से शुरू होकर, सीता स्वयंवर, वन गमन, सीता हरण, लंका दहन, राम सेतु निर्माण, रावण वध, लंका विजय और राम दरबार के चित्र देखने को मिले। वहीं श्री राम लला के चित्र ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। बताया गया कि वरिष्ठ चित्रकारों ने राजस्थान की 22 चित्र शैलियों यथा किशनगढ़, जैनए मेवाड़, फड़, कोटा, बूंदी शैलियों में इन चित्रों को तैयार किया।
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