पशुपालन विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित,विभाग को ऊंचाई की ओर ले जाने में सभी दें अपना योगदान : डॉ. समित 

अधिकारियों को निर्देश दिए 

पशुपालन विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित,विभाग को ऊंचाई की ओर ले जाने में सभी दें अपना योगदान : डॉ. समित 

पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि विभाग को ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सभी अधिकारी कर्मचारियों से कहा कि वह सभी अपना अधिक से अधिक योगदान दें।

जयपुर। पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि विभाग को ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सभी अधिकारी कर्मचारियों से कहा कि वह सभी अपना अधिक से अधिक योगदान दें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मोबाइल वेटरिनरी यूनिट का संचालन नवीन कार्य योजना के अनुसार डुअल और हाइब्रिड मोड में सुनिश्चित करें। नई कार्य योजना के अनुसार प्रत्येक एमवीयू के माध्यम से हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त कॉल के अनुसार पशु चिकित्सा सेवा प्रदान करने के साथ-साथ प्रतिदिन पूर्व निर्धारित कैलेण्डर के अनुसार निर्धारित राजस्व ग्राम में प्रतिदिन एक घंटे का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया जाए। साथ ही एमवीयू स्टाफ के साथ विभागीय पशु चिकित्सक और पशुधन सहायक की सेवाएं भी लेते हुए कार्य करना निर्धारित किया गया है।  

शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंगलवार को आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में डॉ. शर्मा ने कहा कि एमवीयू द्वारा चिकित्सा के बाद पशुपालक को उपचार की पर्ची आवश्यक रूप से उपलब्ध कराने के साथ ही एक प्रति पर पशुपालक के हस्ताक्षर भी लिए जाएं। संचालनकर्ता फर्मों को नियमानुसार भुगतान भी समय पर सुनिश्चित किया जाए। मंगला पशु बीमा का अधिक से अधिक पंजीकरण कराने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 21 लाख पशुओं का बीमा कराना है इस दृष्टि से हमारी प्रगति बहुत धीमी है। अत: अधिक से अधिक पशुपालकों को इससे जोड़कर काम में तेजी लाई जाएं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 500 नवीन पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोले गए, जबकि 103 पशु चिकित्सा उपकेंद्रों को पशु चिकित्सालय में 51 पशु चिकित्सालय को प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में तथा 25 प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय को बहुद्देशीय पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया गया है। डॉ. शर्मा ने सभी जिलों को निर्देश दिए कि 14 से 30 जनवरी तक मनाए जाने वाले पशु कल्याण पखवाड़े के दौरान विभिन्न स्तरों पर पशु चिकित्सा शिविर, पशु कल्याण गोष्ठी, पशु कल्याण जन जागृति रैली आदि का आयोजन कर जीव जंतुओं के कल्याण के प्रति जन साधारण में जागृति तथा पशु क्रूरता निवारण के लिए वातावरण निर्माण का कार्य किया जाए।

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