तनाव मानसिक रोगों की सबसे बड़ी वजह, हर 7 में से एक व्यक्ति मानसिक समस्या से है ग्रस्त
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस आज
देश में लगभग 20 करोड़ लोग मेंटल डिस्ऑर्डर के शिकार, राजस्थान में लाइफटाइम मेंटल मोरबिडिटी का प्रतिशत लगभग 15.4 फीसदी
जयपुर। मानसिक स्वास्थ्य लोगों को जीवन के तनावों से लड़ने, अपनी क्षमताओं का एहसास करने, अच्छी तरह से सीखने और काम करने और समाज में योगदान करने में सक्षम बनाता है। यह हमारे सोचने, महसूस करने और कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है। मानसिक रोग कई प्रकार के होते हैं जैसे कि डिप्रेशन, एंजाइटी डिस्ऑर्डर, साइकोसिस, सिजोफ्रेनिया, डिमेंशिया, नशे की लत आदि।
आकड़ों के अनुसार 19.73 करोड़ भारतीय यानी लगभग हर सात में से एक व्यक्ति किसी ना किसी मानसिक समस्या से पीड़ित है जिनमें लगभग 45 मिलियन डिप्रेशन एवं इतने ही एन्जाइटी डिस्ऑर्डर के केस हैं। नेशनल मेंटल हेल्थ सर्वे के अनुसार राजस्थान में लाइफटाइम मेंटल मोरबिडिटी का प्रतिशत लगभग 15.4 है।
तंबाकू उपयोग का प्रतिशत 39.6 और सुसाइड रिस्क लगभग 7.9 प्रतिशत है। इसी प्रकार सिजोफ्रेनिया व अन्य साइकॉटिक डिस्ऑर्डर का प्रसार लगभग 0.4 प्रतिशत, एन्यूरोटिक एवं स्ट्रेस रिलेटेड डिस्ऑर्डर का प्रसार राजस्थान में लगभग 6 प्रतिशत है वहीं मूड डिस्ऑर्डर्स का प्रसार राजस्थान में लगभग तीन प्रतिशत है। ये आंकड़ें देश और प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य के हालात बयान कर रहे हैं।
सामाजिक-पारिवारिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव
मानसिक रोग व्यक्ति की सामाजिक, पारिवारिक, प्रोफेशनल लाइफ पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानसिक बीमारियों का असर हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। वर्तमान समय में इन का इलाज संभव है और समय पर ली गई उचित मनोचिकित्सकीय सलाह से हम ऐसे व्यक्ति को एक सामान्य एवं सकारात्मक जीवन जीने में मदद कर सकते हैं।
नियमित दिनचर्या जैसे उचित नींद एवं संतुलित भोजन, एक्सर्साइज, योगा इत्यादि, पारस्परिक संवाद, स्वस्थ जीवन शैली, अवास्तविक अपेक्षाओं से बचें, मेलजोल बढ़ाएं, भावनाओं को साझा करें, अपने शौक विकसित करें एवं उसके लिए कुछ समय निकालें, आउटडोर गेम खेलें, नशे से बचें, तुलना करना बंद करें, मदद मांगने में कभी संकोच न करें, वर्क और पर्सनल लाइफ में बैलेंस पर फोकस करें।
-डॉ. अखिलेश जैन, वरिष्ठ मनोचिकित्सक
मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। मनोचिकित्सक से सलाह लेना, समय पर दवाएं लेना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, पर्याप्त नींद लेना, सकरात्मक सोच रखना, तनाव से बचना आदि ऐसे तरीके हैं जिनसे मानसिक रोगों से बचा जा सकता है।
-डॉ. सुनील शर्मा, वरिष्ठ मनोचिकित्सक, एसएमएस मेडिकल कॉलेज
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