महापंचायत कर शिक्षक भरेंगे हुंकार
राष्ट्रीय शिक्षक संगठन की स्थाई समिति ने बैठक कर राजधानी में महापंचायत करने किया एलान
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रमेशचंद्र पुष्करणा ने बताया कि संगठन द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से लगातर अवगत कराने के बाद भी राज्य सरकार ने शिक्षकों की मांगों का सकारात्मक हल नहीं निकाला जिससे हजारों शिक्षक महापंचायत कर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर हुए है।
जयपुर। शिक्षकों की मांगों को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय द्वारा राज्य में प्रत्येक उपशाखा, जिला व संभाग स्तर तक पदयात्रा और प्रदर्शन किए गए। शिक्षकों की मांगों की पूर्ति करने के लिेए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। संगठन के प्रदेश नेतृत्व द्वारा समय-समय पर राजस्थान सरकार के शिक्षा विभागीय अधिकारियों एवं शिक्षा मंत्री राजस्थान सरकार से वार्ता कर शिक्षकों की मांगों की पूर्ति के लिए ध्यान आकर्षित किया गया लेकिन उन मांगों में से अधिकतर मांगों पर सकारात्मक फैसले नहीं लिए जाने से शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है। इसके चलते संगठन की स्थाई समिति ने सरकार के खिलाफ हुंकार भरने और जयपुर में शिक्षकों की महापंचायत करने का फैसला लिया है।
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रमेशचंद्र पुष्करणा ने बताया कि संगठन द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से लगातर अवगत कराने के बाद भी राज्य सरकार ने शिक्षकों की मांगों का सकारात्मक हल नहीं निकाला जिससे हजारों शिक्षक महापंचायत कर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर हुए है।
28 सितंबर को होगी शिक्षकों की महापंचायत, ये है मांगे
1. बीएलओ सहित समस्त प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए।
2-तृतीय वेतन श्रृंखला शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाए।
3-अध्यापकों,वरिष्ठ अध्यापकों और प्रबोधकों की वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाए और उन सभी के नोशनल लाभ के प्रकरणों में एकरूपता लाई जाएं।
4. सभी राज्य कर्मचारियों को 8-16-24-32 साल पर ए.सी.पी. का लाभ देकर पदोन्नति पद वेतनमान प्रदान किया जाए।
5. सीसीएल के नियमों में बदलाव कर शिक्षिकाओं को आवश्यकता पड़ने पर तत्काल अवकाश स्वीकृत करने के आदेश जारी किए जाए।
6-सम्पूर्ण सेवाकाल में परिवीक्षा अवधि केवल एक बार एक साल के लिए हो और नियमित वेतन श्रृंखला में फिक्सेशन के समय परिवीक्षा अवधि को भी जोड़ा जाए।
7- शिक्षा विभाग में सभी संवर्गो की नियमित वर्ष वार डीपीसी आयोजित कर तत्काल पदस्थापन किया जाए।
8- पातेय वेतन पर पदोन्नति शिक्षकों को कार्यग्रहण की तिथि से वित्तीय परिलाभ और वरिष्ठता प्रदान की जाए।

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