सोशल मीडिया आतंकवाद का नया हथियार : समाज की भूमिका पर हुआ विचार, कट्टरपंथ और डिजिटल आतंकवाद पर व्यक्त की चिंता
उग्र नेरेटिव को नहीं बदलेंगे
अगर हम झूठे और उग्र नेरेटिव को नहीं बदलेंगे, तो वही हमें बदल देंगे। उन्होंने डिजिटल ब्रेनवॉशिंग के खिलाफ राष्ट्रीय रणनीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
जयपुर। ग्लोबल डायलॉग फोरम विश्वम के तत्वावधान में जयपुर स्थित कंस्टीट्यूशन क्लब में आतंकवाद के विरोध में समाज की भूमिका विषय पर एक विचारमंथन आयोजित हुआ। मंच पर मेजर जनरल सुधाकर, पूर्व राजनयिक गौरी शंकर गुप्ता और विचारक डॉ. आशुतोष पंत ने अपने विचार रखते हुए कट्टरपंथ और डिजिटल आतंकवाद पर गहरी चिंता जताई। मेजर जनरल सुधाकर ने कहा कि सोशल मीडिया अब तेजी से आतंकवाद का नया रूप बनता जा रहा है। युवाओं को मानसिक रूप से गुमराह करने के लिए आज कॉग्निटिव वॉरफेयर यानी मनोवैज्ञानिक युद्ध का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर हम झूठे और उग्र नेरेटिव को नहीं बदलेंगे, तो वही हमें बदल देंगे। उन्होंने डिजिटल ब्रेनवॉशिंग के खिलाफ राष्ट्रीय रणनीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
पूर्व राजनयिक गौरी शंकर गुप्ता ने आतंकवाद के खिलाफ समाज को एकजुट करने का आह्वान करते हुए पूरे देश में एक समान शिक्षा प्रणाली लागू करने की वकालत की। अलग-अलग प्रकार की शिक्षा प्रणाली सामाजिक एकता के लिए घातक है। मेजर जनरल सुधाकर ने समान नागरिक संहिता को जल्द लागू करने की आवश्यकता बताई ताकि सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानून हो। विचारक डॉ. आशुतोष पंत ने कहा कि जब समाज विचारों में जागरूक और मूल्य आधारित होता हैए तभी वह आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकता है।

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