धनवान समझकर ऑटो चालक के बेटे का किया था अपहरण, पुलिसकर्मी ने धर्म भाई बनकर दिया साथ

अनुज के पिता शिव लहरी ऑटो चलाते हैं

धनवान समझकर ऑटो चालक के बेटे का किया था अपहरण, पुलिसकर्मी ने धर्म भाई बनकर दिया साथ

मां रुपयों से भरे बैग को लेकर दिनभर काली माता के मन्दिर पर बैठी रही और सप्ताह भर तक नींद नहीं ली

जयपुर। बेटे का अपहरण कर 20 लाख रुपए की फिरौती मांगने वाले बदमाशों को पकड़वाने के लिए अपहृत अनुज की मां ममता ने हिम्मत नहीं हारी। वे पुलिस टीमों के साथ बदमाशों के बुलाए स्थान पर साथ चलने को तैयार हो गईं। अपहरणकर्ताओं को पकड़वाने के लिए एक पुलिसकर्मी ममता को धर्मभाई बना और हमेशा साथ रहा।

मां रुपयों से भरे बैग को लेकर दिनभर काली माता के मन्दिर पर बैठी रही और सप्ताह भर तक नींद नहीं ली। पीड़ित अनुज ने कहा कि बदमाशों को पहले दिन व्यवहार सही था। उन्होंने मोबाइल के पासवर्ड मांग लिए और कहा कि हमसे किसी ने अपहरण करवाया है। खाना भी समय-समय पर खिलाते रहे। जब वह मौका देखकर भागने लगा तो बदमाशों ने उसे वापस पकड़ लिया और मारपीट कर उसे चेन से बांध दिया। आरोपी वॉकी-टॉकी से बात करते और आपस में एक-दूसरे को एक नम्बर दो नम्बर नाम से बुलाते थे। अनुज के पिता शिव लहरी ऑटो चलाते हैं।

ऐसे मांगी फिरौती
अपहरण के बाद सोनी सिंह ने परिजनों और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने 19 अगस्त को दिनभर नाहरगढ़ पहाड़ी में ड्रोन व डॉग स्क्वाड से सर्च किया लेकिन बदमाशों और अनुज का कोई सुराग नहीं मिला। अनुज के मोबाइल से 20 अगस्त की शाम को उसके पिता के मोबाइल पर कॉल कर किसी ने 20 लाख की फिरौती मांगी। लोकेशन मथुरा की आई। पुलिस टीम वहां पहुंची तो दूसरा फोन देहरादून की लोकेशन से आया। इसके आधार पर देहरादून एसओजी से संपर्क कर टीम भेजीं। शहर के सभी होटल सर्च करवाए। तीसरे कॉल किया तो लोकेशन पंचकुला आई और बदमाश ने फिरौती के रुपए लेकर चंडीगढ़ बुलाया। इस दौरान अनुज की मां ने पति की तबियत खराब होने और रुपए की व्यवस्था करने के लिए समय मांगा।

ऐसे बदमाश किए ट्रैक
ऑपरेशन चैकमेट की मॉनिटरिंग कर रहे एडिशनल कमिश्नर कैलाश बिश्नोई और डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा डूडी ने आमेर एसीपी शिवरतन गोदारा को टीमें लेकर चंडीगढ़ भेजा। पुलिस ने परिजनों के सहयोग से रुपयों का इंतजाम करवाया। दूसरे दिन बदमाशों ने मां को चंडीगढ़ से 20 किलोमीटर दूर काली माता के मंदिर में बैठाए रखा। उसके बाद परेशान मां वापस रेलवे स्टेशन पहुंच गई। तब रात करीब साढ़े बारह बजे कॉल आया और शिमला के लिए सुबह की ट्रेन के आखिरी डिब्बे में बैठने के लिए कहा। ऐसे में पुलिस को शक हो गया तो आगे आने वाले तीन स्टेशनों पर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए। इसके लिए उस ट्रैक के साथ-साथ चलने वाली सड़क पर तीन गाड़ियां चला दी। बदमाशों ने धर्मपुर स्टेशन पर बैग को फेंकने के लिए कहा तो ममता ने करीब चार मिनट तक फोन पर बात जारी रखी। टीम ने लोकेशन ट्रेस कर दो बदमाशों को पकड़ लिया। इसके बाद सोलन में अनुज की लोकेशन मिल गई। इसके बाद कमरे में सोते हुए अनुज को सकुशल दस्तयाब कर लिया। 

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वजन ज्यादा होने के कारण छोड़ गए
एडिशनल कमिश्नर क्राइम कैलाश चन्द्र बिश्नोई ने बताया कि मुख्य सरगना वीरेन्द्र एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। अभी डीग में तेल का व्यवसाय करता है। इसे व्यापार में घाटा लग गया। इसने एक अमीर बाप के बेटे का अपहरण की साजिश रची। अपहरण के लिए इसने अपने साथी अमित कुमार, विनोद सिंह, जितेन्द्र भण्डारी और लिव इन में रहने वाली महिला जमुना सरकार को शामिल कर लिया। 18 अगस्त को वीरेन्द्र इन सभी के साथ अपनी कार से जलमहल के पास पहुंचा। अनुज 18 अगस्त को स्कूल दोस्त सोनी सिंह के साथ बाइक पर सवार होकर घूमने गया था। दोनों शाम को नाहरगढ़ पहाड़ी पर घूम रहे थे। तभी कार सवार चार बदमाशों ने दोनों को रोका और मारपीट करके बोतल से कुछ पिला दिया। बदमाशों ने सोनी सिंह का वजन ज्यादा होने के कारण छोड़ दिया और अनुज को कार में पटककर ले गए। 

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