सांस्कृतिक धरोहर और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने में युवा पीढ़ी की भूमिका महत्वपूर्ण : स्मृति ईरानी
12 राज्यों से 50 से अधिक विमेन आर्टिजंस-एंटरप्रेन्योर्स के शिल्प का प्रदर्शन
पीडीकेएफ की जनरल सेक्रेटरी गौरवी कुमारी ने कहा कि यह कलेक्टिव उन विमेन आर्टिजंस से प्रेरित हैं, जो पारंपरिक शिल्प जैसे फुलकारी और पटचित्र को नए तरीके से प्रस्तुत कर रही हैं।
जयपुर। हमारी सांस्कृतिक धरोहर को रिटेल इंडस्ट्री से जोड़कर रखेंगे, तो न केवल आने वाली पीढ़ी इसे आगे बढ़ाएगी, बल्कि हम इसे वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान दिला पाएंगे। हैंडीक्राफ्ट का अंतरराष्ट्रीय बाजार लगभग एक हजार बिलियन डॉलर का हैं, लेकिन भारत की वर्तमान भूमिका इस बाजार में 2023-2024 के आंकड़ों के अनुसार केवल 32 हजार करोड़ रुपए हैं। यह एक क्षेत्र है, जिसमें हम और अधिक योगदान कर सकते हैं। यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सिटी पैलेस में प्रिंसेस दीया कुमारी फाउंडेशन (पीडीकेएफ) द्वारा आयोजित हो रहे पीडीकेएफ आर्टिजन कलेक्टिव के उद्घाटन समारोह के दौरान कहीं।
स्मृति ईरानी ने युवा पीढ़ी की सराहना की, जो पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा देने और उन्नत करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सिटी पैलेस का यह प्रांगण अपने आप में ऐतिहासिक है और कला, संस्कृति और शौर्य का प्रतीक हैं। यहां इस कला और संस्कृति के जश्न में उपस्थित होकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही हैं। भारतीय सरकार ने अब तक लगभग 30 लाख हैंडीक्राफ्ट आर्टिजंस को (जिनमें से 14 लाख महिलाएं हैं) एक विशेष पहचान कार्ड उपलब्ध कराया हैं, जिससे उन्हें वित्तीय संस्थान, क्रेडिट एजेंसियों और बैंकों से वित्तीय सहायता प्राप्त हो सकें। इससे पहले इस तीन दिवसीय आयोजन का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, पीडीकेएफ की जनरल सेक्रेटरी गौरवी कुमारी, पद्मनाभ सिंह और रिपब्लिक ऑफ जूफारी की संस्थापक आकांक्षा मित्तल ने किया। पीडीकेएफ की जनरल सेक्रेटरी गौरवी कुमारी ने कहा कि यह कलेक्टिव उन विमेन आर्टिजंस से प्रेरित हैं, जो पारंपरिक शिल्प जैसे फुलकारी और पटचित्र को नए तरीके से प्रस्तुत कर रही हैं।

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