कोचिंग सेंटर में आत्महत्या रोकने के लिए विधानसभा में बिल पेश : 2 दिन बाद सदन में होगी चर्चा, फिर होगा पारित
काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन बनाई जाएगी
बिल में कोचिंग सेंटरों की मान्यता रद्द करने, भारी जुर्माना लगाने और लैंड रेवेन्यू एक्ट के तहत जब्ती जैसे प्रावधान शामिल हैं।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बुधवार को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमित विधेयक 2025 को पुनःस्थापित किया। इस विधेयक पर दो दिन बाद चर्चा होगी और इसे पारित किया जाएगा। विधेयक में कोचिंग सेंटरों पर सख्त नियंत्रण और निगरानी के प्रावधान किए गए हैं।
नियम उल्लंघन पर भारी जुर्माना और मान्यता रद्द करने का प्रावधान
बिल में कोचिंग सेंटरों की मान्यता रद्द करने, भारी जुर्माना लगाने और लैंड रेवेन्यू एक्ट के तहत जब्ती जैसे प्रावधान शामिल हैं। कोचिंग स्टूडेंट्स की आत्महत्याओं के मामलों पर हाईकोर्ट द्वारा सरकार से जवाब मांगने के बाद इस विधेयक को पेश किया गया। इस कानून के पारित होने के बाद हर कोचिंग सेंटर के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। विद्यार्थियों की सुविधा और निगरानी के लिए राज्य स्तरीय पोर्टल और काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन बनाई जाएगी।
मनमानी फीस पर रोक, तनाव मुक्त माहौल होगा अनिवार्य
विधेयक में कोचिंग सेंटर्स पर मनमानी फीस वसूली पर रोक और विद्यार्थियों को तनाव मुक्त माहौल देने की अनिवार्यता शामिल है। बीच में कोचिंग छोड़ने पर फीस लौटाने का प्रावधान भी किया गया है।
50 से अधिक विद्यार्थियों वाले कोचिंग केंद्रों के लिए अनिवार्य पंजीकरण
बिल के अनुसार 50 या इससे अधिक विद्यार्थियों वाले कोचिंग सेंटर्स को कानूनी दायरे में लाया जाएगा। इसके लिए राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन अथॉरिटी का गठन किया जाएगा। यह विधेयक विद्यार्थियों की मानसिक स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
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