चेतावनी : डीलरशिप के नाम पर साइबर ठगी का नया जाल, नामी ब्रांड्स की फ्रैंचाइजी दिलाने के बहाने लाखों का चूना लगा रहे साइबर अपराधी
सोशल मीडिया पर दिखने वाले विज्ञापनों पर तुरंत भरोसा न करें
प्रदेश में डीलरशिप के नाम पर साइबर ठगी का नया मकड़जाल फैलता जा रहा है। नामी ब्रांड्स की फ्रैंचाइजी दिलाने के बहाने शातिर ठग लोगों को ठगी का शिकार बनाकर लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय की ओर से आमजन को बड़े और भरोसेमंद व्यापारिक ब्रांड्स की डीलरशिप या फ्रैंचाइजी दिलाने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी के प्रति सचेत किया है।
जयपुर। प्रदेश में डीलरशिप के नाम पर साइबर ठगी का नया मकड़जाल फैलता जा रहा है। नामी ब्रांड्स की फ्रैंचाइजी दिलाने के बहाने शातिर ठग लोगों को ठगी का शिकार बनाकर लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय की ओर से आमजन को बड़े और भरोसेमंद व्यापारिक ब्रांड्स की डीलरशिप या फ्रैंचाइजी दिलाने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी के प्रति सचेत किया है। डीआईजी साइबर क्राइम विकास शर्मा ने बताया कि साइबर अपराधी आकर्षक ऑफर और स्कीम का लालच देकर, रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी डिपॉजिट और एनओसी शुल्क के नाम पर रुपए ऐंठ रहे हैं।
साइबर ठग इस अपराध को अंजाम देने के लिए एक संगठित तरीका अपनाते हैं। ये अपराधी मोबाइल कॉल, ईमेल या सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के माध्यम से लोगों से संपर्क कर खुद को संबंधित कंपनी का उच्च अधिकारी बताते हैं। इसके बाद आकर्षक स्कीम बताकर और डीलरशिप, फ्रैंचाइजी की उपलब्धता सीमित होने का हवाला देकर जल्दी निर्णय लेने का दबाव बनाते हैं। रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी डिपॉजिट या एनओसी शुल्क जैसी विभिन्न शुल्कों की तुरंत मांग करते हैं और उन्हें बताए गए बैंक खाते में जमा करने को कहते हैं। जैसे ही राशि जमा होती है साइबर ठग अपने फोन नंबर या ईमेल पर जवाब देना बंद कर देते हैं। तब पीड़ितों को ठगी का एहसास होता है।
राजस्थान पुलिस की आमजन को महत्वपूर्ण सलाह
हमेशा डीलरशिप की जानकारी के लिए सीधे ब्रांड की आधिकारिक वेबसाइट पर ही जाएं, सोशल मीडिया पर दिखने वाले विज्ञापनों पर तुरंत भरोसा न करें।
यदि कोई व्यक्ति आपको कॉल करता है, तो उसके नाम, पद और कर्मचारी आईडी की पुष्टि कम्पनी की आधिकारिक वेबसाइट से अवश्य करें।
केवल कम्पनी के आधिकारिक डोमेन से आने वाले ई-मेल पर ही विश्वास करें।
धनराशि देने से पहले व्यक्तिगत रूप से कम्पनी के आधिकारिक कार्यालय में जाकर पूरी प्रक्रिया और दस्तावेजों की पुष्टि करें।
धनराशि हमेशा कंपनी के नाम वाले चालू खाते में ही भेजें, किसी व्यक्तिगत बचत खाते में कभी नहीं।
अगर मुनाफा या डील अविश्वसनीय रूप से आकर्षक लग रही है तो समझ लें कि यह एक धोखाधड़ी का जाल हो सकता है।

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