डेटा चोरी होने के शक पर प्रदेश में भी जूम एप पर रोक
सरकारी दफ्तरों में एप से होने वाली मीटिंग अब नहीं होगी
भारत में साइबर सिक्योरिटी की नोडल एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने जूम का इस्तेमाल करने वाले भारतीयों को चेतावनी भी जारी की थी।
जयपुर। केन्द्र से मिली एडवाइजरी के बाद राजस्थान सरकार ने भी जूम एप पर रोक लगा दी है। इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी कर दिए। कोरोना काल में चर्चा में आए इस एप से डेटा चोरी होने का शक है। अब इस एप से सरकारी दफ्तरों में होने वाली ऑनलाइन मीटिंग नहीं होगी। चार साल पहले भी केंद्र सरकार इस पर रोक लगा चुकी है।
प्रदेश के लगभग सभी सरकारी ऑफिस में जूम ऐप के जरिए ही ऑनलाइन मीटिंग से अधिकारी जुड़ते थे। राज्य सरकार ने इस ऐप पर रोक के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग से जारी आदेशों में बताया कि राजकीय ऑफिस, निगमों, बोर्ड में ऑनलाइन मीटिंग के लिए जूम ऐप का उपयोग किया जा रहा है। लेकिन पिछले दिनों केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साइबर केन्द्र ने इस एप को साइबर सुरक्षा के मध्य नजर सुरक्षित नहीं माना है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के इसी अलर्ट को देखते हुए राज्य सरकार ने भी सरकार के सभी ऑफिस, बोर्ड, निगम, सहकारी संघों के एचओडी और अन्य को आदेश दिए है कि सरकारी मीटिंग के दौरान जूम एप का उपयोग नहीं किया जाए।
चार साल पहले ये आशंका जाहिर की थी कि इस ऐप के जरिए पर्सनल डाटा आसानी से चोरी किया जा सकता है। वीडियो कॉलिंग भी हैक की जा सकती है। इसे लेकर गृह मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि यह ऐप सुरक्षित नहीं है। इससे कोई भी सरकारी मीटिंग नहीं की जाएगी।भारत में साइबर सिक्योरिटी की नोडल एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने जूम का इस्तेमाल करने वाले भारतीयों को चेतावनी भी जारी की थी।

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